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नितिन गडकरी के संदेश में छुपे हैं बड़े सीयासी मायने !

Politics News: पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ ऐसा बयान दिया जो सब को चौंका दिया। बीजेपी को कुछ ज्यादा ही चौंकाया। बीजेपी के उन नेताओं को भी चौंकाया जो हमेशा झूठे प्रचार के जरिये सत्ता की राजनीति में मशगूल रहते हैं। गडकरी का बयान पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह को भी चुभा होगा। जो दिन रात सत्ता की राजनीति के फेर में लगे रहते हैं। ऐसे में सवाल है कि गडकरी ने ऐसा क्या कह दिया जो समूचे बीजेपी के लिए सबक है ?

गडकरी ने प्रचार वाली राजनीति पर हमला किया है। हालांकि गडकरी हमेशा देश के विकास की बात करते रहे हैं और उनका काम देश के भीतर दिख भी रहा है लेकिन वे हमेशा प्रचार से दूर ही रहते हैं। उन्होंने हालिया बयान दिया कि राजनीति में वोट काम के आधार पर मांगना चाहिए। जो लोग काम करते हैं उन्हें प्रचार की क्या जरूरत है ? उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन खुद के बारे में ऐलान किया कि इस बार वे वोट मांगने के लिए पोस्टर ,होर्डिंग का सहारा नहीं लेंगे। वे किसी भी तरह का प्रचार नहीं करेंगे। जिनको वोट देना है देंगे और उन्हें वोट देना नहीं है वे नहीं देंगे। हम किसी से वोट मांगने भी नहीं जायेंगे। अगर हमने कोई काम किया है तो लोगों को वोट देना चाहिए।

गडकरी के इस बयान के की मायने निकले जा रहे हैं। कुछ लोग तो यह कह रहे हैं कि यह बयान पीएम मोदी को लेकर किया गया है क्योंकि सबसे जयदा प्रचार के भूखे वही रहते हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि चुकी बीजेपी के पास काफी धन है और प्रचार के जरिये ही वह अब तक आगे बढ़ती रही है। ऐसे में गडकरी यह कहना चाहते हैं कि जो काम करता है उसे किसी प्रचार की जरूरत नहीं होती। जो नकली लोग होते हैं वही प्रचार करते हैं। राजनीति कोई बाजार तो है नहीं लेकिन मौजूदा समय में राजनीति बाजार से भी आगे जाती दिख रही है। यह बाजार क ही असर है कि कोई भी आम आदमी अब राजनीति में उतर नहीं सकता। चुनाव लड़ना तो बाद की बात है।

यह झूठी राजनीती ही है जो बट तो ऍम लोगों की करती है लेकिन ऍम लोगों की सहभागिता राजनीति में होती नहीं। क्योंकि आम लोग गरीब होते हैं और गरीबो को टिकट नहीं दिए जाते ,गरीबो का काम केवल झंडा पोस्टर उठना और नारे लगाने भर का होता है। नेताओं के लिए जान की बजी लगाना भर है। कह सकते हैं कि मौजूदा राजनीति जमींदारी क नया रूप है। पैसे वाले ,अपराध करने वाले ,देश को चुना लगाने वाले राजनीति के शीर्ष तक पहुँचते हैं और गरीब जनता जयकारा लगती फिरती रहती है। यही सब तो जमींदारी प्रथा में होती थी।

ऐसे में गडकरी का यह बयान बहुत कुछ कहता है। जिस बीजेपी की पूरी राजनीति ही प्रचार तंत्र पर टिकी है उसमे गडकरी का प्रचार किये बिना चुनाव लड़ने की बात बीजेपी की समझ से परे है। लेकिन गडकरी में साहस ही और उन्होंने सफ तौर पर खुद के बारे में कह दिया कि वे नागपुर से चुनाव लड़ते है और नागपुर से चुनव लड़ना काफी कठिन है। ऐसे में इस बार वे बिना प्रचार किये ही मैदान में उतरेंगे। लेकिन सवाल ही कि की बीजेपी के अन्य लोग भी ऐसा ही करेंगे ? कोई साहस दिखा सकता है क्या ? झूठी राजनीति में इतना साहस कहाँ ? याद रखिये अगर गडकरी इस बर बिना प्रचर किये ही चुनव में बजी मरते हैं तो उनका कद कफी बढ़ जायेगा। बीजेपी की राजनीति में उनक कद चाहे जो भी हो लेकिन देश की राजनीति में वे ऐतिहासिक नेता हो जायेंगे।

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गडकरी ने एक और बयान दिया है। उन्होंने यह भी तो कहा कि वे नागपुर से चुनाव लड़ेंगे। अभी तक वे कहते रहे हैं कि राजनीति में अब उनकी कोई इच्छा नहीं रह गई। उनके की भाषणों से लग रहा था कि इस बार वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। राजनीति से सन्यास ले लेंगे। लेकिन अब उन्होंने साफ़ किया है कि वे चुनाव लड़ेंगे और बिना प्रचार किये ही लड़ेंगे। यह ऐलान बीजेपी के लिए घातक भी हो सकता है। गडकरी का यह बयान बहुत कुछ कह रहा है। कई लोग मन रहे थे कि इस बारे के चुनाव में गडकरी को टिकट नहीं मिल सकता। लेकिन गडकरी के ऐलान के बाद बीजेपी को फिर से कुछ सोचने की जरूरत होगी।

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Ashok Kumar

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