Gujarat Politics News! बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल पहली बार गुजरात विधान सभा में सरकार को घेरे में लिया और पूछा कि क्या सरकार 75 से सौ साल पुराने विरासत मूल्य और खराब स्थिति वाले स्कूलों को अपने विंग के तहत लेने को तैयार थी ? हार्दिक के सवाल का स्पीकर ने भी सराहना की। स्पीकर शंकर चौधरी ने कहा कि यह बढ़िया सवाल है। बता दें कि गुजरात सरकार आर्थिक रूप से कमजोर स्कूलों की संख्या लगातार काम कर रही है। इसी से जुड़ा हार्दिक का सवाल था।
हालांकि हार्दिक ने इससे पहले भी सरकार की कृषि निति का भी आलोचना ही थी और सवाल उठाये थे। 20 फरवरी को हार्दिक ने कृषि मंत्री राघव जी पटेल को पत्र लिखकर किसानो का मुद्दा उठाया था। हार्दिक ने अपने विधान सभा क्षेत्र वीरगाम समेत कई इलाको में उगाई जाने वाली देसी कपास किस्मों के लिए उचित गुणवत्ता मापदंडो में बदलाव पर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि जो मौजूदा नीति है उसमे किसानो का शोषण होता है। हार्दिक ने कृषि मंत्री के सामने कई तथ्य रखे थे और बताया कि किस तरह से किसान परेशान है और शोषण के शिकार भी।
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हलाकि मौजूदा गुजरात बीजेपी सरकार को किसानो के मसले पर कई और विधयक लगातार घेर रहे हैं। बड़ोदरा जिले के सावली से केतन ईमानदार ने अभी हाल में ही बड़ोदा डेयरी में भ्रष्टाचार उठाकर सरकार को सकते में ला दिया था। और पशुपालको के लिए न्याय की मांग की थी। हालांकि ईमानदार के सवाल के बाद डेयरी के प्रभारी और अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा था लेकिन पार्टी के भीतर हो रहे इस हमले को लेकर कई बीजेपी विधायक परेशान भी है। कहा जा रहा है कि सरकार के कई मंत्रियों पर आगे भी सवाल उठ सकते हैं। हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने ऐसे सवालों की सराहना भी की है।
सूरत के वराछा के विधायक किशोर कनानी ने भी जनवरी में सरकार को घेरा था और कई सवाल खड़ा किया था। उन्होंने छात्रों को ऋण वितरण और ट्रैफिक का मुद्दा उठाकर कई तरह से सरकार पर सवाल उठाया था। ऐसे में हालिया हार्दिक के सवालों के बाद यह कहा जा रहा है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है। लगता है कि पार्टी के भीतर शीत युद्ध चल रहा है।