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हल्दवानी से देश में हिंसा फैलाने की कोशिश, पूर्व DGP के बातों में कितनी सच्चाई ?

Haldwani Violence News Update Today - News Watch India

Haldwani Violence News! UCC को लेकर चर्चे में रहा उत्तराखंड एक बार फिर खबरों में है। दरअसल उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्दवानी शहर में 8 फरवरी को अवैध ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर जमकर हिंसा हुई। उपद्रवियों ने पुलिस बल, पत्रकार, नगर निगम के अधिकारियों पर पत्थरबाजी की और अतिक्रमण के खिलाफ विरोध जताया।

आखिरकार हिंसा भड़की क्यों? पूरा मामला क्या है? क्या ये एक्शन का रियैक्शन है या बहुत पहले से चल रही प्री प्लानिंग ? हिंसा में PFI और बांग्लादेशी घुसपैठियों के होने का दावा क्यों किया जा रहा है? आपको इस वीडियो में सब विस्तार से बताएंगे।

पहले समझिए की हल्दवानी में हुआ क्या है?

हल्दवानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी की शाम अवैध जमीन पर अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला किया गया। टीम को चारों तरफ से घेरकर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की। हमला इतना गंभीर था कि पुलिस बल को स्थिति संभालने आने पड़ा। हल्दृवानी के एसडीएम भी हमले में घायल हुए हैं। उपद्रवी भीड़ ने शाम होते-होते आगजनी करना शुरू कर दिया। चारों ओर शोर-शराबा, चीख पुकार की आवाजें सुनाई पड़ने लगीं। पुलिस के मुताबिक, भीड़ में महिलाएं और बच्चें भी शामिल थे जिनकी वजह से पुलिस के लिए मामले को संभलाना और मुश्किल हो गया।

भीड़ ने बनभूलपूरा थाने को भी आग के हवाले कर दिया। यहां तक की थाने के सामने खड़ी फायर ब्रिगेड की वैन समेत कई अन्य वाहनों में उपद्रवियों ने आग लगा दी। बता दें कि इस पूरे घटना को कवर करने आए कई पत्रकार भी भीड़ का शिकार हुए हैं। पूरे शहर में इंटरनेट सेवा बंद के साथ धारा 144 लागू किया गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शूट एट शाइट के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने पुलिस को अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।

अब पूरा मामला क्या है, ये समझिए
बनभूलपुरा क्षेत्र में नजूल जमीन पर बनी मस्जिद और मदरसे को हटाने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। अब नजूल ज़मीन क्या होता है वो भी आपको बताते हैं। नजूल जमीन वो होती है जिसपर किसी का भी मालिकाना अधिकार नहीं होता है, ऐसी ज़मीन को सरकार अपने अधिकार में ले लेती है और जनहित के कार्यों में उस जमीन का उपयोग करती है। ऐसी ज़मीन की मालिक राज्य सरकार होती है। बता दें कि आदेश पर काफी समय से पुलिस प्रशासन का स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे। दरअसल ये हल्दवानी में पहला मामला नहीं है। धामी सरकार ने प्रदेश में अवैध निर्माणों को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में अतिक्रमण हटाया जा रहा था। यह मदरसा और मस्जिद बनभूलपुरा क्षेत्र में 3 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए थे। आपके बता दें कि ऐसा नहीं है अचानक पुलिस प्रशासान अतिक्रमण हटाने पहुंच गई थी। 30 जनवरी को ही इन इमारतों को हटाने के निर्देश दिए गए थे और नोटिस भी चस्पा किया गया था।

मदरसा चलाने वाली संस्था कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट गई थी, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद 8 फरवरी को पुलिस की टीम बुल्डोजर लेकर कार्रवाई के लिए पहुंची। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ की आक्रमकता को देखकर कोई नहीं बता सकता था कि यह तुरंत उठा कोई बवाल होगा। बता दें कि इसकी प्लानिंग बहुत पहले से की जाने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि डीएम वंदना सिंह के आधे घंटे के अंदर ही भाड़ी भीड़ इक्ट्ठा हो गई और पत्थर बरसने शुरू हो गए। पुलिस की मानें तो भीड़ के पास अवैध हथियार भी थे। सवाल ये उठता है कि इतने सारे पत्थर और हथियार स्थानीय लोगों के पास कहां से आये?

इस पूरे मामले में घायल महिला पुलिसकर्मी ने अपनी आपबीती सुनाई है…उन्होंने क्या कुछ कहा सुनिए
हिंसा में PFI और बांग्लादेशी घुसपैठियों के होने का दावा क्यों किया जा रहा है?

इस पूरे मामले को लेकर उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी और बीजेपी सांसद बृजलाल का बयान सामने आया है। उन्होंने इस पूरे मामले में हल्दवानी की इस घटना को सुनियोजित तरीके से भड़काने की बात कही है। उन्होंने इस पूरे मामले में PFI जैसे कट्टरवादी संगठन का हाथ होने का दावा किया है। दरअसल PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया भारत का एक चरमपंथी इस्लामी संगठन था, जिसे भारत में अब बैन कर दिया गया है। पूर्व डीजीपी ने अपने बयान में कहा है कि, हल्दवानी में जो हिंसा हुई है वह किसी प्लानिंग का अंजाम है। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों के भी इस मामले में हाथ होने की आशंका जताई है।

बीजेपी सांसद का ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वह लंबे समय तक उत्तरप्रदेश की लॉ एंड ऑडर को संभाल चुके हैं तो संभावनाएं हो सकती हैं कि हल्दवानी घटना के अराजक तत्वों के तार बांग्लादेशी घुसपैठ और PFI से जुड़े हों। वहीं आपको बता दें कि हल्दवानी की घटना के बाद यूपी में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने उत्तराखंड से सटे जिले को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं। बता दें कि हल्दवानी हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

Pooja Bharti

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