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Haldwani Violence: हल्द्वानी हिंसा का असली कारण क्या ? क्यों हुआ पुलिस पर पथराव, उपद्रवियों ने लगाई थानों में आग

Tension increased after the dispute that continued for almost 10 days in Haldwani,

Haldwani Violence Reason: हल्द्वानी में तकरीबन 10 दिनों से जारी विवाद के बाद गुरुवार की शाम तनाव बढ़ गया। हल्द्वानी के वनभूलपुरा के मलिक के बगीचे में गुरुवार को अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए मदरसे को तोड़ने के दौरान भारी बवाल मचा। तीन घंटे तक पूरा इलाका युद्ध क्षेत्र बना रहा।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई। अतिक्रमण हटाने गई टीम को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। टीम को चारों तरफ से उपद्रवियों ने घेरकर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पत्थरबाजी में 200 से अधिक पुलिस और अधिकारीयों समेत 300 लोगों के घायल होने की सूचना है। SDM हल्द्वानी और कालाढूंगी भी इस हमले में घायल हो गए है। गुरुवार शाम 4:30 बजे वनभूलपुरा में नगर निगम और पुलिस बल अतिक्रमण स्थल पर पहुंची। शाम 4:59 बजे JCB अतिक्रमण ढहाने गई टीम पर उग्र भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया।

शाम 5:04 बजे शाम पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया गया। शहर में आगजनी के बाद कई वाहन फूंक डाले गए। भीड़ वनभूलपुरा थाने पर पहुंच कर आगजनी कर दी। थाने के सामने खड़ी फायर ब्रिगेड की वैन समेत कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। रात 2 बजे कोतवाली में DIG ने प्रशासन के साथ बैठक की। क्षेत्र में कर्फ्यू के बाद शांति स्थापित करने में कामयाबी मिली। CM पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, हल्द्वानी में धारा 144 लागू कर दी गई है। वनभूलपुरा में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

क्या है पूरा मामला

वनभूलपुरा इलाके (Haldwani Violence Reason)  में मलिक के बगीचा की तकरीबन 2 एकड़ जमीन को नजर भूमि बताते हुए प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम 29 जनवरी को मौके पर पहुंची थी। भूमि को अपने कब्जे में लेते हुए निगम ने पक्का निर्माण ढहा दिया था। हालांकि, वहां बने एक मदरसे और धार्मिक स्थल को उस दिन नहीं तोड़ा गया। दूसरे दिन भी एक टीम ने मौके पर पहुंचकर तालाबंदी कर दी।

प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकारी को इस दिन शाम को नोटिस जारी कर एक फरवरी तक दोनों निर्माण हटाने को कहा गया। हालांकि, 1 फरवरी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। 3 फरवरी को विरोध में वनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों ने नगर निगम कार्यालय पर पहुंचकर अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया। हालांकि, बात नहीं बनी। अधिकारियों ने 4 फरवरी की सुबह 6:00 बजे अतिक्रमण तोड़ने का फैसला लिया गया।

दूसरी बार भड़की थी 4 फरवरी को हिंसा

4 फरवरी को वनभूलपुरा में प्रशासन की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही दर्जनों महिलाएं मलिक का बगीचा के पास दुआएं पढ़ने बैठ गई। देर रात वनभूलपुरा थाने में SP प्रहलाद नारायण मीणा की मौजूदगी में प्रशासन और नगर निगम के अफसरों की बैठक हुई। इस दौरान दोनों निर्माण ध्वस्त न करने का फैसला लिया गया। प्रशासन की एक टीम ने रात में मदरसा और धार्मिक स्थल सील कर दिया। इसके बाद आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया गया। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने अपनी तैयारी करनी शुरू कर दी।

महिलाओं और छोटे बच्चों को आगे कर किया हमला

वनभूलपुरा में प्रशासन (Haldwani Violence Reason) की कार्रवाई का विरोध करने के लिए सैकड़ों युवा, छोटे बच्चे और महिलाओं की तरफ से पहले से तैयारी की गई थी। अतिक्रमण को हटाए जाने के दौरान बवाल को काबू करने में लगे पुलिसकर्मियों पर गलियों से स्थानीय लोगों की भीड़ ने जमकर पथराव किया। उपद्रव के बीच अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई को रोककर अधिकारी और पुलिसकर्मी वापस लौटने लगे।

दंगाइयों ने प्रशासन और पुलिस के वाहनों में आग लगा दिया। रास्ता बंद कर पुलिस और प्रशासन की टीम को रोकने की कोशिश की गई। दंगाइयों ने पुलिस की सिटी पेट्रोल कार और नगर निगम का ट्रैक्टर भी फूंक दिया। पत्थरबाजी में पुलिस के दर्जनों अफसर समेत 200 से अधिक जवान घायल हो गए। वहीं, पुलिस की कार्रवाई में भी 100 लोग घायल हुए। SDM हल्द्वानी परितोष वर्मा, SDM कालाढूंगी रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार समेत कई अफसर के घायल होने की जानकारी है।

वाहनों को निशाना, पत्रकारों पर भी हमला

8 फरवरी यानी गुरुवार की दोपहर को प्रशासन नगर निगम  (Haldwani Violence Reason) और पुलिस की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने अचानक पहुंच गई। यहां कार्रवाई शुरू होते ही विवाद भी शुरू हो गया। मामले में जल्द ही बड़ी हिंसा का रूप ले लिया। उपद्रवियों ने पुलिस और प्रशासन की गाड़ियों को निशाना बनाया। नगर निगम के ट्रैक्टर को भी आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रवियों ने घटना कवर करने पहुंचे पत्रकारों को भी निशाना बनाया।

उनके आधा दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगा दी गई। जान बचाकर पुलिस बल के साथ निकल रहे मीडियाकर्मियों पर भी पथराव किया गया। कई पत्रकारों के कैमरे तोड़ दिए गए। कई पत्रकारों को बेस अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। हिंसा  में लगभग 12 से अधिक पत्रकार जख्मी हुए हैं।

प्रशासन पर उठे सवाल

वनभूलपुरा में 4 दिन पहले तनाव के बावजूद अतिक्रमण हटाने के क्षेत्र में व्यापक इंतजाम नहीं होने की बात कही जा रही है। प्रशासन की टीम पर सवाल उठने लगे हैं। तनाव फैलने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और SDM कालाढूंगी रेखा कोहली महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहुंची थीं। आगजनी की घटना के बाद नगर आयुक्त मौके पर पहुंचे। भारी पुलिस की बंदोबस्ती के बीच सिटी मजिस्ट्रेट और SDM को घटना स्थल से बाहर निकाला।

बवाल के बाद बस सेवाएं निरस्त

वनभूलपुरा में बवाल बढ़ाने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के लिए हल्द्वानी बस स्टैंड खाली कर दिया। रात 8:00 बजे के बाद हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो की सभी बस सेवाएं निरस्त कर दी गई। देर रात दूसरे राज्यों से लौटने वाली बसों को शहर के बाहर रोका गया। परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक से SS बिष्ट ने बताया कि पहाड़ी इलाको में आने वाले वाहनों को शहर के बाहरी रूठ से निकला गया है।

Prachi Chaudhary

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