क्या सुप्रीम कोर्ट के रडार पर आ गए हैं ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्र ?
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्र को तीसरी बार सेवा विस्तार दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर पिछले दिन अपना फैसला सुरक्षित रखा ही। अदालत ने फैसला को सुरक्षित रखते हुए कह कि वह एक सेवा निवृत अधिकारी का कार्यकाल केवल असाधारण परिस्थितियों में बढ़ाने के अपने 2021 के फैसले पर फिर से विचार करेगा। बता दें कि ईडी प्रमुख संजय मिश्रा को तीन बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है।
गौरतलब है कि संजय कुमार मिश्रा को 19 नवम्बर 2018 के एक आदेश के बाद दो साल के लिए दोबारा नियुक्त किया गया था। इसके बाद 13 नवम्बर 2020 को उनक सेवा विस्तार फिर एक साल के लिए किया गया। इसके बाद कॉमन कॉज नामक एनजीओ ने मिश्रा के खिलाफ एक याचिका दायर कर उनके सेवा विस्तार को रद्द करने की मांग की। कहा गया कि मिश्रा का तीन साल का कार्यकाल सीवीसी अधिनियम की धारा 25 का उल्लंघन करता है।
बता दें कि 2021 में मिश्रा का एक साल का सेवा विस्तार समाप्त होने के साथ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर किये थे। इस अध्यादेश में सीबीआई और ईडी को नियंत्रित करने वाले कानूनों में संशोधन किया गया। जिससे सरकार को यह ताकत मिल गई कि वह प्रवर्तन निदेशालय के दोनों प्रमुखों को उनके पद पर कायम रख सकते हैं। साथ ही एक साल का अतिरिक्त विस्तार तब तक जारी रखा जाएगा जब तक कि वे प्रमुख के पद पर पांच साल पूरे नहीं कर लेते।
अब सुप्रीम कोर्ट के जज गवई ने सोमवार को कहा है कि उनका मानना है कि 2021 के मामले में सही फैसला नहीं किया गया है। फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि तब सेवा विस्तार का कोई जिक्र नहीं किया गया था। जज ने कहा कि 2021 का फैसला केवल प्रारंभिक नियुक्ति से सम्बंधित है।
बता दें कि मिश्रा इसी साल के नवम्बर में ईडी प्रमुख के रूप में पांच साल पूरे कर लेंगे। उधर सेवा विस्तार को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि वैश्विक आतंकी वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा लंबित समीक्षा की वजह से ये विस्तार दिया गया था।