Maharashtra News: महाराष्ट्र विधान सभा का मॉनसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस सत्र में कई मुद्दे उठने हैं। लेकिन इस सत्र के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा शिंदे गुट को लेकर उठने वाला है। महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने शुक्रवार को कहा है कि उन्हें केंद्रीय चुनाव आयोग से शिवसेना (Shivsena) के संविधान की एक कॉपी मिल गई है और सीएम शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द ही शुरू होगी।
विधान सभा अध्यक्ष के इस बयान के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra News) की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है। एक तो सप्ताह भर से एनसीपी (NCP) टूट की खबर से सूबे में राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है इसी बीच शिंदे गुट को लेकर अब जो फैसला होने वाला है उससे सूबे का राजनीतिक तापमान और भी बढ़ जायेगा।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने चुनाव आयोग से शिवसेना के संविधान की प्रति मांगी थी। उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय को पिछले सप्ताह ही कॉपी मिल गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब हम सुनवाई शुरू करेंगे और यह सुनवाई जल्द शुरू होगी। नार्वेकर के इस बयान के बाद ही शिंदे समूह की धड़कने तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि अगर शिंदे समूह के खिलाफ कोई भी फैसला होता है तो शिंदे की राजनीति पर इसका बड़ा असर पड़ेगा साथ ही बीजेपी की भी काफी आलोचना होगी।
बता दें कि इसी सप्ताह की शुरुआत में उद्धव शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की और विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में पिछले साल शिंदे (Eknath Shinde) और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, जब उन्होंने यानी 16 विधायकों ने जून 2022 में नई सरकार बनाने के लिए विद्रोह किया था और बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था।
Read: Maharashtra Latest News in Hindi | Politics News in Hindi | News Watch India
उद्धव शिवसेना की तरफ से प्रभु ने इस महीने शीर्ष अदालत का रुख किया और दावा किया कि नार्वेकर जानबूझकर सुनवाई में देरी कर रहे हैं जबकि शीर्ष अदालत ने 11 मई के अपने फैसले में विधान सभा अध्यक्ष को उचित समय में याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए कहा था।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 11 मई को फैसला सुनाया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र (Maharashtra News) के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद अदालत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर शक्ति परीक्षण का सामना किये बगैर ही शिवसेना नेता ने इस्तीफा दे दिया था।