G-20 Summit: दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम आने वाले कुछ दिनों में विश्व के केंद्र में रहने वाला है. G-20 शिखर सम्मेलन की मुख्य बैठक यहां ही होनी है. भारत सरकार द्वारा बनाया गया ये कन्वेंशन सेंटर किस प्रकार महत्वपूर्ण है, समझिए…
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जानकारी के मुताबिक बता दें भारत की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को पूरी दुनिया के दिग्गज G-20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित हो रहे हैं. प्रगति मैदान के भारत मंडपम में होने वाले इस सम्मिट में अमेरिका से लेकर चीन और मिस्र जैसे देशों के राष्ट्र प्रमुख मौजूद होंगे, उनके साथ ही कई देशों के प्रमुख, पत्रकार, अधिकारी और अन्य लोग भी यहां शामिल होंगे. यानी सम्मेलन के दौरान दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र यही भारत मंडपम होने वाला है, जिसमें तमाम आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.
बता दें दिल्ली के प्रगति मैदान परिसर में इंटरनेशनल एग्जीबिशन कन्वेंशन सेंटर (IECC) बनाया गया है, यहां कई प्रकार के इवेंट का आयोजन कराया जाता हैं. यहां मौजूद कन्वेंशन सेंटर को ही भारत मंडपम नाम दिया गया है, जिसका पीएम नरेंद्र मोदी ने जुलाई के महीने में उद्घाटन किया था. बता दें इस कन्वेंशन सेंटर को महज 2700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और इसका मकसद भारत को बिजनेस डेस्टिनेशन के तौर पर प्रोजेक्ट करना है. लगभग 123 एकड़ में फैले इस क्षेत्र को MICE (मीटिंग, इन्सेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) के मकसद से बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक बता दें सुरक्षा, सौंदर्यीकरण, सड़कों के निर्माण और ग्रीनरी पर भी जमकर खर्च किया जा रहा है। एनडीएमसी (NDMC) एरिया में सौंदर्यीकरण पर अब तक 60 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। दिल्ली सरकार के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने 16 करोड़ रुपये और पीडब्ल्यूडी (PWD) ने सड़कों के सौंदर्यीकरण पर अब तक 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। दिल्ली पुलिस इस मामले में सबसे अधिक है। सम्मेलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने पर अब तक 340 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
एनडीएमसी एरिया में ज्यादातर हॉर्टिकल्चर वर्क हुआ है, जिस पर अब तक करीब 60 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अफसरों का कहना है कि जी-20 के दौरान एनडीएमसी फोकस एरिया होगा। इसलिए एनडीएमसी एरिया में जो 41 मेन रोड हैं, उनका रीकारपेटिंग किया गया है। जगह-जगह फाउंटेन लगाए गए हैं। इसके अलावा फुटपाथ के किनारे जितने भी ग्रीन बेल्ट हैं, उसे ग्रास बेड बनाकर सजाया गया है। सौंदर्यीकरण के मामले में एमसीडी और डीडीए सबसे पीछे हैं। एमसीडी ने जी-20 के दौरान सौंदर्यीकरण पर अब तक 6-7 करोड़ रुपये ही खर्च किया है।