कानपुर: कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी को हिंसा का मास्टर माइंड जफर हयात हाशमी के फोन से मिले सबूत ही उसको सजा दिलाने में कारगर होगें। तीन जून को हुई हिंसा वाले दिन जफर हयात ने वॉट्सएप ग्रुप्स पर सुबह दस बजे से 11 बजे के बीच जो भी बातचीत की है, उससे साफ है कि हिंसा पूर्व नियोजित थी।
इसके अलावा जफर हयात द्वारा हिंसा के पल-पल के फोटो और वीडियो को भी इन वॉट्सएप ग्रुप्स पर भेजना इसके खिलाफ पुख्ता सबूत माने जा रहे हैं। अब एसआईटी की टीम उसकी पत्नी से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है। घटना के बाद इसकी पत्नी उजमा ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि जफर ने बंद का आह्लवान जरुर किया था, लेकिन जिला प्रशासन से अनुमति न मिलने पर बंद का आह्वान वापस ले लिया गया था।
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माना जा रहा है कि उजमा ने जिस तरह के हिंसा के समय अपने पति जफर हयात के घर में होने की झूठी बात मीडिया में कही, उससे लगता है कि उसे हिंसा की साजिश की पूरी जानकारी थी। इसी बात की पुष्टि के लिए एसआईटी की टीम उसकी पत्नी उजमा से पूछताछ कर सकती है। उधर कानपुर हिंसा की जांच चार अलग-अलग टीमें कर रहीं है। इस प्रकरण में अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है, जबकि हिंसा में शामिल सौ से ज्यादा उपद्रवियों की पहचान हो जाने से उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।