नई दिल्ली: राम जन्म भूमि अयोध्या से ताजमहल देखने आये जगद्गुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्यों को बुधवार को ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया, जबकि परमहंसाचार्य और उनके शिष्यों ने ताजमहल को देखने के लिए आवश्यक टिकट खरीदा था। ताजमहल में प्रवेश न मिलने पर उनके टिकट वापस करके पैसे लौटाये गये।
बताया गया है कि सुरक्षाकर्मियों ने भगवा पहनने और हाथ में आपत्तिजनक सामग्री रखने के कारण उन्हें अंदर नहीं आने दिया और उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया। हालाँकि संतों ने मधुर वाणी में उनके सामने अपनी बात रखी थ। पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार के बाद भी जगद्गुरु परमहंसाचार्य उन्हें आशीर्वाद देकर वहां से वापस अयोध्या लौट गए।
इस मामले के तूल पकड़ने से जिम्मेदार अधिकारियों के पास से कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है। उनकी ओर से दावा किया जा रहा है कि संतों के अपमान पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनसे क्षमा मांगी है।
परमहंसाचार्य तीन शिष्यों के साथ ताजमहल पहुंचे थे
बता जा रहा है कि अलीगढ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबियत खराब होने पर अयोध्या छावनी के रहने वाले संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य अपने साथ तीन शिष्यों को लेकर ताजमहल देखने आये थे। उनके साथ उनके सरकारी गनर भी थे। शमशान घाट चौराहे से जब वो ताजमहल के लिए निकले, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने परिचय जानकर उन्हें गोल्फकार में बिठाकर पश्चिमी गेट भेजा। शाम 5 बजकर 35 मिनट पर वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे, तो वहां मौजूद सीआईएसएफ और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया। उनके भगवा पहने होने के कारण प्रवेश न देने की बात कही गयी और उनके टिकट लेकर उन्हें अन्य पर्यटकों को बेच दिए गए और उनका पैसा लौटा कर वापस भेज दिया गया। आरोप है कि उनके शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया तो मोबाइल छीन कर फोटो डिलीट कर दिए गए।
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पर्यटकों ने उड़ाया मजाक, मुस्कराते रहे संत
परमहंसाचार्य में प्रवेश नहीं मिला तो वहां खड़े एक दक्षिण भारतीय पर्यटक ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि दाढ़ी है, टोपी लगा लेते तो काम हो जाता , भगवा पहन कर क्यों आये। परमहंसाचार्य ने कहा कि उन्होंने सुना है कि जहां ताजमहल है, वहां भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है। इसीलिये वो आज यहाँ देखने आये थे। कहा गया कि वे भगवा पहने हैं और ब्रह्मदण्ड लिए हैं, इसलिए उन्हें ताजमहल के अंदर नहीं जाने दिया।
जगद्गुरु परमहंसाचार्य के शिष्य परमहंस ने बताया कि हमें गेट पर कहा गया कि योगी जी को भी भगवा पहनने पर रोका गया था। ताजमहल पर भगवा पहनकर जाने वालों को भी प्रवेश मिलना चाहिए और जो उन्हें प्रवेश से रोकने के दोषी हैं, इनके खिलाफ जांच करवाकर कार्रवाई की जानी चाहिए।