जोशीमठ। उत्तराखंड के चमोली जनपद के नगर जोशीमठ(Joshimath) में बुधवार को प्रशासन व स्थानीय लोगों में तनातनी रही। प्रशासन को आज दो होटल गिराने थे, लेकिन मलारी होटल व माउंट व्यू के बाहर होटल मालिक के परिवार व स्थानीय लोग धरना पर बैठ गये। उन्होने कहा कि पहले प्रशासन मुआवजा दे, इसके बाद ही होटलों को गिरायें। मुख्यमंत्री खुद लोगोों को समझाने जोशीमठ पहुंचे।
मलारी होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने अपने होटल के लिए 60 करोड़ की मुआवजे की मांग की है। वही जिन घरों को गिराने के तैयारी की गयी। उन्होने भी उचित मुआवजा दिया बगैर मकान गिराने के विरोध किया है। मुआवजे को लेकर मुख्यमंत्री के सचिव मीनाक्षी सुंदरम के साथ स्थानीय लोगों की मीटिंग बेनतीजा रही।
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प्रशासन की ओर से तत्कार राहत के रुप में 1.50 लाख रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया, जिसे स्थानीय लोगों ने नाकाफी बताते हुए ठुकरा दिया। इस कारण लोगों को धरना व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को विरोध जारी है। इसी बीच बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी खुद भी जोशीमठ पहुंचे। उन्होने वहां की जनता को विश्वास दिलाया कि सरकार पूरी तरह से उनके साथ है। उन्हें इस आपदा की घड़ी में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई। उन्होने नड्डा को सारी स्थिति से अवगत कराया। बुधवार को जोशीमठ में हल्की बरसात होने से भी निर्धारित होटलों को ध्वस्त नहीं किया जा सका। उधर तकनीकी टीम की जांच में घरों में आयी दरारों की चौड़ाई बढी पायी गयी है। इस कारण इन मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त न करके दूसरे विकल्पों से घरों को गिराने का निर्णय लिया गया है।