Kaichi Dham Traffic: कैंची धाम में लगने वाले जाम से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मिलेगी राहत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने दिए निर्देश
Kachi Dham Traffic: Devotees and tourists will get relief from the traffic jam in Kachi Dham, Union Minister Ajay Tamta gave instructions
Kaichi Dham Traffic: उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक, कैंची धाम, जहां बाबा नीम करौली महाराज की तपोभूमि है, में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके परिणामस्वरूप हल्द्वानी-अल्मोड़ा मार्ग पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिससे स्थानीय लोग और श्रद्धालु काफी परेशान होते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया।
जाम से राहत के लिए बाईपास का प्रस्ताव
अजय टम्टा ने सेनिटोरियम से रातीघाट और कैंची बैंड से हरतपा गांव तक के प्रस्तावित कैंची बाईपास मोटर मार्ग के निर्माण पर चर्चा की। अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में उन्होंने कहा कि बाईपास मार्ग बनने से भवाली, कैंची, और रातीघाट क्षेत्रों में जाम की समस्या से निजात मिलेगी। यह बाईपास श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को सुविधाजनक और सुगम बनाएगा।
यातायात सुधारने के प्रयास
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सेनिटोरियम से रातीघाट तक का पहला चरण पूरा हो चुका है, और जल्द ही उस पर डामरीकरण का कार्य भी शुरू किया जाएगा। इस बाईपास के निर्माण से कैंची धाम की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। अजय टम्टा ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने और कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ संपन्न करने के निर्देश भी दिए।
पर्यटन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि
अजय टम्टा ने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में कैंची धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र के और अधिक विकास की जरूरत है, ताकि न केवल स्थानीय लोग बल्कि देशभर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक बेहतर सुविधाओं का आनंद ले सकें।
सरकार द्वारा इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सड़कों के साथ-साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी विकास शामिल है। सरकार की मंशा है कि बाबा नीम करौली के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, और उनका सफर सुगम और आरामदायक हो।