Kanjhwala Case: अंजलि की मौत के कई राज बेपर्दा नहीं कर पा रही पुलिस, लाई डिटेक्टर का सहारा लेगी !
अब पुलिस इस मामले में गिरफ्तार किये गये पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टैस्ट कराने की बात कह रही हैं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपक खन्ना( कार चालक) के साथ-साथ सुल्तानपुरी के राशन डीलर मनोज मित्तल, कनाट प्लेस स्थित स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करने वाले कृष्ण, उत्तर नगर में एसबीआई के कार्ड्स बनाने का काम करने वाले अमिर खन्ना व हेयर ड्रैसर मिथुन को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली। थाना सुल्तानपुरी क्षेत्र में नये साल की रात कंझावला में अंजलि की मौत भले ही दुर्घटना में हुई है। लेकिन इस घटना के कई राज पुलिस बेपर्दा नहीं कर पा रही है। इस मामले में अब तक हुए खुलासों में सच्चाई कम झोल अधिक हैं। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर शुरु से ही सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अभी भी पुलिस अपनी कार्रवाई से पीड़ित परिवार व जनता का संतुष्ट नहीं कर पायी है।
दिल्ली पुलिस की घबराहट व नाकामी का चेहरा स्पेशल सीपी सागर हुड्डा व डीसीपी हरेन्द्र सिंह बने हुए हैं। इस मामले में डीसीपी हरेन्द्र सिंह ने प्रेस वार्ता महज डेढ मिनट में ही निपटा दी थी। उन्होने जो बातें पत्रकारों को बताईं, उनमें कोई नया नहीं था। इस मामले में पुलिस ने कोई बडा खेल किया है। इसलिए वे पत्रकारों के सवालों की बौछार से बचने के लिए अपनी बात कहकर प्रेस वार्ता से भाग खड़े हुए थे।
अब पुलिस इस मामले में गिरफ्तार किये गये पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टैस्ट कराने की बात कह रही हैं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपक खन्ना( कार चालक) के साथ-साथ सुल्तानपुरी के राशन डीलर मनोज मित्तल, कनाट प्लेस स्थित स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करने वाले कृष्ण, उत्तर नगर में एसबीआई के कार्ड्स बनाने का काम करने वाले अमिर खन्ना व हेयर ड्रैसर मिथुन को गिरफ्तार किया है।
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पुलिस का कहना है कि पूछताछ में इन सबने अलग-अलग बयान दिये हैं। इसका सीधा सा अर्थ है, पुलिस उनके बयानों पर यकीन नहीं कर रही हैं। इसलिए लाई डिक्टेटर जांच की बात कह रही है। उधर अंजलि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी कई तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं।
मृतका अंजलि की दोस्त निधि का घटना के दो दिन बाद सामने आना समझ से परे है। पुलिस ने जो इस संबंध में जो बयान दिये हैं, वे अविश्वनीयता हैं। पुलिस ने निधि के धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराये हैं। उसने वही बयान दिया, जो पुलिस ने उसे गाइड किया था।
इस केस में मीडिया ने कई नये तथ्यों को पता लगाया है। इससे निधि के बयानों और भूमिका संदिग्ध लग रहे हैं। दरअसल पुलिस निधि से न तो कोई सच्चाई उगलवा पायी है, और न ही उसके बयानों की पुष्टि की है । इस कारण भी पुलिस का भूमिका अविश्वनीय होती जा रही है।