I.N.D.I.A. Mumbai Meeting: मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने निशाना साधा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन के पास कुछ है नहीं। वह इंडिया नाम के सहारे ही आगे बढ़ना चाहता है क्योंकि यही उसके पास एकमात्र सहारा है। सिंह इंडिया गठबंधन को नाम बड़े और दर्शन छोटे का तंज कसते हुए कहते हैं कि किसी को भी लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार है, चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन सच यही है कि भारत अब काफी आगे जा चुका है। अब भारत की बात को दुनिया सुनती है। भारत को दरकिनार करके यह दुनिया आगे नहीं बढ़ सकती।
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राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि विश्व स्तर पर भारत का कद काफी ऊंचा हो चुका है। भारत जो बोलता है, दुनिया उसे सुनती है। ऐसा पहले नहीं होता था। राजनाथ सिंह महाराष्ट्र के अहमदनगर के एक कार्यक्रम में यह सब बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इंडिया नाम का एक समूह बनाया है। उन्होंने कहा यह गजब नाम है। हमें पता चला की आज मुंबई में उनकी बैठक चल रही है लेकिन सच यही है कि यह बैठक नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। इन लोगों के लिए अब नाम ही एक सहारा है। वे इस नाम के जरिये ही अपनी नैया पार लगाना चाहते हैं।
राजनाथ (Rajnath Singh) ने आगे कहा कि लेकिन केवल नाम के सहारे ही नदी को पार नहीं किया जा सकता। अकेले नाम के इस्तेमाल से भंवर को पार नहीं किया जा सकता। इसके लिए कर्म की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि आज का भारत पहले जैसा नहीं है। यह काफी आगे जा चुका है। यहां की जनता भी बदल गई है और वह काफी आगे बढ़ी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध शुरू हुआ तो कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे। छात्रों के माता-पिता ने प्रधानमंत्री मोदी से छात्रों को निकालने की अपील की। इसके बाद पीएम मोदी ने दोनों देशों के राष्ट्रपति को फोन किया और करिश्मा देखिये युद्ध साढ़े चार घंटे तक रुका रहा और सभी छात्र वहां से सकुशल वापस निकाल लिए गए। लगभग 23 हजार छात्रों को वहां से वापस लाया गया। लेकिन यह सब विपक्ष को अच्छा नहीं लगता।
जानकार मान रहे हैं कि भले ही राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने विपक्षी एकता पर बहुत कुछ कमेंट किया है लेकिन उनकी भाषा में शालीनता है। राजनाथ सिंह ने ऐसी कोई चुभने वाली बात नहीं कही है जो विपक्षी दलों को उद्वेलित कर दे। कई जानकार तो यह भी कह रहे हैं कि राजनाथ सिंह काफी डेमोक्रेट नेता है और वे कभी आक्रामक नहीं होते। उनके सम्बन्ध भी सभी नेताओं के साथ बेहतर ही रहे हैं। भले ही वे बीजेपी की राजनीति करते हैं लेकिन देश के तमाम बड़े नेताओं के साथ भी उनके मधुर सम्बन्ध भी हैं। बीजेपी के निशाने पर लालू परिवार भले ही रहा है लेकिन राजनाथ सिंह के सम्बन्ध लालू परिवार से बेहतर रहे हैं।