International News: आज सुबह जब लोगों की आंखे खुली तो इराक स्थित स्वीडिश दूतावास (Swedish Embassy) धू-धू करके जल रहा था। चारों तरफ आग की लपटें थी और भयंकर आग के गुब्बारे। जल रहे दूतावास के चारों तरफ बहुत से लोग खड़े थे कुछ नमाज़ पढ़ रहे थे तो कोई आग को और भी भड़का रहे थे। स्वीडेन के खिलाफ नारेबाजी भी हो रही थी। कुछ समय तक तो किसी को कुछ पता भी नहीं चला। लेकिन जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो पता चला वह अहिरान करने वाला था।
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दरअसल स्वीडिश दूतावास (Swedish Embassy) में आग लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि इराकी लोग ही थे। सैकड़ों की तादात में वहां पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्वीडेन में कुरान की प्रति आज से कुछ दिन पहले जलाई गई थी उसी के विरोध में दूतावास को जलाया गया है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग शामिल थे। कई प्रभावशाली लोग भी थे। इराकी शिया मौलवी और राजनेता मुक्तदा अल-सद्र की तस्वीरों वाले झंडे और उनकी तस्वीरें भी थी। सारे लोग नारे लगा रहे थे और स्वीडेन के खिलाफ अनाप शनाप भी बोल रहे थे। कई लोग आग को और भड़काने में लगे थे। देखते-देखते पाव फटने तक यह सब हो गया।
ताज्जुब की बात तो यह है कि इतना सब होने के बाद भी प्रदर्शनकारी वही खड़े रहे। पुलिस आयी तो किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। सब चले गए। पुलिस ने फिर आग बुझाने की योजना बनायी और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। बड़ी बात ये थी कि इस अग्निकांड में किसी की मौत तो नहीं हुई लेकिन पूरा स्वीडिश दूतावास (Swedish Embassy) राख हो गया। अब इस घटना की काफी निंदा की जा रही है। दरअसल इस घटना की शुरुआत स्वीडेन से ही हुई थी। स्वीडेन की राजधानी स्टॉकहोम में कुछ सप्ताह पहले ईद अल-अज़हा के मौके पर शहर के सेंट्रल मस्जिद के सामने कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था। इन्हीं प्रदर्शनकारियों में से एक ने कुरान की प्रति को भी जला दिया और कुरान के खिलाफ नारे भी लगाए। इस घटना के बाद स्वीडेन में काफी बवाल हो गया। हालांकि बाद में इस बवाल पर काबू पाया गया लेकिन दुनिया भर के देशों ने इस घटना की काफी निंदा भी की थी। अब ईराक में जो घटना घटी है वह उसी कुरान जलाने के विरोध में की गई है। अब इस आग का असर क्या होता है इसे देखना होगा। हालांकि इस पूरे मामले पर अभी स्वीडेन चुप है और आगे की कार्रवाई पर सोच रहा है।