Latest News “One Nation One Election“! देश के सामने कई समस्याएं है और मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले कुछ समस्याओं को खत्म करने में जुटी है। सरकार चाहती है कि देश में चुनाव प्रक्रिया काफी जटिल भी है और महंगा भी। ऐसे में सरकार यही चाहती है कि हर साल जो चुनाव देश के भीतर चलते रहते है उससे अच्छा है कि पांच साल पर ही सभी चुनाव हों ।ये चुनाव लोकसभा के साथ ही विधान सभा ,पंचायत चुनाव आदि हो सकते है। यानी लोकतांत्रिक व्यवस्था में जितने भी चुनाव है सभी को एक साथ कराए जाए।
मोदी सरकार शुरू से ही एक देश एक चुनाव की बात करती रही है। हालाकि यह कहना जितना आसान है करना उतना ही कठिन।फिर भी प्रयास तो किए ही जाने चाहिए। और अब इस दिशा में सरकार सार्थक प्रयास कर भी रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति।की दूसरी बैठक 25 तारीख को होने जा रही है।पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी। पहली बैठक में ही सदस्यों ने हित धारकों और राजनीतिक दलों से चर्चा करने और सुझाव प्राप्त करने का निर्णय लिया था।बता दें कि पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर हॉस्टल में हुई थी जिसमे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ,मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ,गुलाम नबी आजाद और अन्य लोग शामिल थे।
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बता दें के मोदी सरकार ने इस काम को आगे बढ़ाने के लिए आठ लोगों की एक समिति बनाई है।इस समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद है जबकि सदयों में शामिल हैं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ,डॉक्टर एनके सिंह ,लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप ,वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी।हालाकि बाद में अधीर रंजन चौधरी ने समिति ने शामिल होने का प्रताव ठुकरा दिया था।
बता दें कि गजट अधिसूचना के मुताबिक समिति न केवल लोकसभा और विधान सभा चुनाव बल्कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ कराने की व्यवस्था पर गौर करेगी।अगर त्रिशंकु सदन ,अविश्वास प्रताव ,दलबद्ल या ऐसी कोई अन्य घटना होती है तो समिति एक साथ चुनाव से जुड़े संभावित समाधानों का विश्लेषण और सिफारिश करेगी ।
बता दें कि केंद्र सरकार ने अधिसूचना में यह भी कहा था कि राष्ट्रीय,राज्य ,नागरिक निकाय और पंचायत चुनाव के लिए वैध मतदाताओं के लिए एक एकल मतदाता सूची और पहचान पत्र की खोज की जाएगी।