शराब घोटालाः एमसीडी चुनाव होते ही मनीष सिसौदिया होंगे गिरफ्तार ! संबित पात्रा ने दिये स्पष्ट संकेत
शराब घोटाले के आरोपी अमित अरोड़ा ने खुद चार फोन नंबर व 12 बार फोन सेट बदले। अमित की 32 पेज की कस्टडी नोट में यह सब दर्ज है। इस घोटाले से जुड़े 36 लोगों अपने 170 फोन सेट नष्ट किये। इन सबकी फोन की कीमत 1.40 करोड़ आंकी गयी है। इन लोगों ने शराब घोटाले में अपने खिलाफ सबूत मिटाने के लिए पुराने फोन नष्ट करके नये फोन लिये।
नई दिल्ली। दिल्ली के शराब घोटाला में फंसे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की मुश्किलें जल्द ही बढने वाली हैं। इस बात के संकेत शनिवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की प्रेस वार्ता में मिले हैं। उन्होने साफ कहा है कि शराब घोटाले में गिरफ्तार होने वालों में अगला नंबर मनीष सिसौदिया का है। पात्रा का कहना है कि सिसौदिया ने घोटाला किया है तो जेल तो जाना ही पड़ेगा।
ऐसा लगता है कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव के चलते अभी तक मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। मनीष सिसौदिया सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में पहले नं. के आरोपी हैं। इसके बावजूद वे अभी कानून की पकड़ से बचे हुए हैं। हालांकि इस मामले में कई बड़े लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी अब तक जानबूझकर नहीं की गयी। सीबीआई उनके खिलाफ और पुख्ता सबूत हासिल करना चाहती थी। उद्यमी अमित अरोडा की कस्टडी नोट में मनीष सिसौदिया के खिलाफ काफी सबूत हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को फर्जी व झूठे बताकर आप नेता बच नहीं सकते।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि मनीष सिसौदिया एफआईआर में नामजद आरोपी हैं। इसका पता चलते ही उन्होने दो दिन बाद एक ही दिन में चार फोन सेट बदले। इतना नहीं उन्होने दो-तीन माह की अविध में 7 बार अपने फोन सेट बदले।
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भाजपा प्रवक्ता का यह भी कहना है कि इस शराब घोटाले के आरोपी अमित अरोड़ा ने खुद चार फोन नंबर व 12 बार फोन सेट बदले। अमित की 32 पेज की कस्टडी नोट में यह सब दर्ज है। इस घोटाले से जुड़े 36 लोगों अपने 170 फोन सेट नष्ट किये। इन सबकी फोन की कीमत 1.40 करोड़ आंकी गयी है। इन लोगों ने शराब घोटाले में अपने खिलाफ सबूत मिटाने के लिए पुराने फोन नष्ट करके नये फोन लिये।
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल के पास इन सबूतों को झुठलाने का कोई रास्ता नहीं है। इसलिए आने वाले दिनों में सिसौदिया का गिरफ्तारी लगभग तय है। वैसे भी दो-तीन दिन में दिल्ली नगर निगम व गुजरात विधान सभा चुनाव समाप्त हो ही जाएंगे। इससे दिल्ली व गुजरात में भाजपा व आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक लड़ाई भी खत्म हो जाएगी। इसलिए मनीष सिसौदिया पर आने वाला सप्ताह भारी पड़ सकता है।