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LokSabha Election News 2024 Update: मणिपुर हिंसा में हुए बेघरों की वोटिंग कैसे कराएगा इलेक्शन कमीशन?

LokSabha Election News 2024 Update: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों शुरू कर दी है। मणिपुर में हिंसा के हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, ऐसे लोगों की वोटिंग करना चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ा चुनौती होगी। आयोग ने इसके लिए योजना तैयार कर ली है।

मणिपुर हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में बेघर हुए लोगों से वोट हासिल करना भी चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती होगी। ऐसे कितने ही लोग हैं, जो डर और दहशत की वजह से फिलहाल अपने घरों से दूर रिलीफ कैंपों में जीवनयापन कर रहे हैं। अपनी विधानसभा और लोकसभा सीटों से दूर दूसरे इलाकों में रह रहे इन हजारों वोटरों के वोट लेना चुनाव आयोग के लिए चैलेंज होगा। इसके लिए आयोग ने स्पेशल प्लान बनाया है।

कितने लोग हुए ‘बेघर

फिलहाल इस संबंध में कोई सटीक डेटा सामने नहीं आया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो 28 लाख 55 हजार की आबादी वाले मणिपुर में हिंसा के दौरान 60 हजार से अधिक लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर रिलीफ कैंपों में गुजर-बसर कर रहे हैं। मणिपुर में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। यहां दो लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को पहले चरण में और 26 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। राज्य में 20 लाख से अधिक वोटर हैं। इनमें मेल से कहीं अधिक फीमेल वोटर हैं। आंकड़ों के हिसाब से मणिपुर के कुल वोटरों में पुरुषों के मुकाबले 50 हजार से अधिक महिला वोटर हैं।

आयोग बेघर मतदाताओं के पास जाकर उनके वोट मांगेगा

जो लोग हिंसा या किसी अन्य कारण से अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं। उनके वोट लेने के लिए चुनाव आयोग ने मणिपुर सीईओ ऑफिस के साथ मिलकर स्पेशल प्लान तैयार किया है। स्कीम के तहत जहां-जहां से भी लोग अपने घरों को छोड़कर रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं, वहां भी आयोग पोलिंग स्टेशन बनाएगा। हर कैंप में डबल ईवीएम लगाई जाएंगी। ताकि कोई भी वोटर किसी भी लोकसभा सीट का हो। वह रिलीफ कैंप से ही अपना मतदान कर सकें।

रिलीफ कैंपों में रहने वाले मतदाओं से भरवाएं जाएंगे स्पेशल फॉर्म

मणिपुर राहत शिविरों में रहने वाले सभी मतदाताओं को वोट डालने से कम से कम 10 दिन पहले फॉर्म भरना होगा। इनका मकसद उन वोटरों की संख्या और पहचान करना होगा, जो अपने घरों से अलग रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं। उसी हिसाब से उनके रिलीफ कैंपों के पास ही पोलिंग स्टेशन तैयार कराने समेत अन्य जरूरी सुविधाएं दी जा सकें। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि जो भी मतदाता रिलीफ कैंप में रह रहा है, उसे अपना वोट देने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका वोट लेने के लिए आयोग उनके पास जाएगा।

1058 पोलिंग स्टेशन हैं संवेदनशील

लोकसभा चुनाव के लिए पूरे मणिपुर में 2955 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन सभी इलाकों का सर्वे करने के बाद इनमें से 1058 पोलिंग स्टेशनों को संवेदनशील घोषित किया गया है। पूरे राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पहले से ही पुलिस के अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी समेत अन्य पैरामिलिट्री फोर्स तैनात हैं। चुनाव के दौरान इसमें और इजाफा किया गया है। लोगों से भी शांति बनाए रखने की बार-बार अपील की जा रही है।

आयोग की कैसी है तैयारी?

60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में दो लोकसभा सीटें हैं। इनके नाम आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर हैं। पहले चरण में दोनों सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में आउटर मणिपुर सीट में आने वाली 13 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। इनमें और फोर्स लगाई जाएगी, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराया जा सके। आयोग का कहना है कि भले ही कोई भी वोटर किसी भी रिलीफ कैंप में रह रहा हो, उसे उसके घर के अड्रेस के हिसाब से ही वोट देने का विकल्प दिया जाएगा।

ऐसा नहीं है कि अगर वह दूसरे लोकसभा क्षेत्र में रह रहा है तो उसे उसी इलाके के उम्मीदवारों को वोट डालने के लिए कहा जाए। पूरे मणिपुर में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए 197 फ्लाइंग स्कवॉड, 194 सर्विलांस टीम, 92 विडियो सर्विलांस टीम और 60 टीमें ऐसी हैं, विडियो और अन्य फुटेज देखती रहेंगी। सोशल मीडिया पर निगरानी रखेंगे और अपराध की दृष्टि से क्षेत्रों पर नजर रखेंगे।

Prachi Chaudhary

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