Mahakumbh 2025: होटल, धर्मशाला और टेंट…बुकिंग के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर हो रही लोगों से ठगी
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की शुरुआत में बस कुछ ही दिन बचे हैं। प्रयागराज में भाग लेने के लिए लोग अलग-अलग जगहों से आएगें। बाहर से आने वाले लोग वहां ठहरने के लिए ऑनलाइन (online) माध्यमों से होटल बुक (hotel book) कर रहे हैं. ठगी के नाम पर कई लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आए हैं।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में जनवरी 2025 में लगने वाले कुंभ मेले में होटल बुकिंग को लेकर साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं, वो लोगों को अपने झांसे में लेकर फर्जी बुकिंग करते हैं, और पैसा ऐंठ लेते हैं. पुलिस द्वारा जांच के बाद 54 वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है, साथ ही जनता को ऐसी फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की शुरुआत में बस कुछ ही दिन बचे हैं। प्रयागराज में भाग लेने के लिए लोग अलग-अलग जगहों से आएगें। बाहर से आने वाले लोग वहां ठहरने के लिए ऑनलाइन (online) माध्यमों से होटल बुक (hotel book) कर रहे हैं. ठगी के नाम पर कई लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आए हैं। इसके बाद साइबर थाने में मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मेला प्रशासन ने भी लोगों से फर्जी वेबसाइट और फर्जी टेंट बुकिंग से सावधान रहने की अपील की है।
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कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर उन लोगो को जो होटल, लॉज, धर्मशाला या टेंट के लिए ऑनलाइन बुक कर रहे हों। इस वक्त दर्जनों ऐसी वेबसाइट (websites) चल रही हैं, जो होटल और टेंट बुकिंग (Hotel-Tent Booking) के नाम पर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं और बुकिंग के नाम पर झांसा दे रहे हैं.
बड़े होटलों के नाम बनी कई फर्जी वेबसाइट
प्रयागराज के कई बड़े होटलों ने अधिकारियों से आधिकारिक तौर पर शिकायत की है कि उनके नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर दुनिया भर के श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है। बड़े होटलों और टेंट (hotels and tents) बनाने वालों का न सिर्फ नाम यूज कर के बल्कि QR कोड के जरिए भी ठगने की कोशिश की जा रही है. अधिकारियों ने इनमें से 44 वेबसाइटों पर नज़र रखी है और उनके खिलाफ़ कार्रवाई कर रहे हैं। इसके अलावा, जांच के बाद पुलिस ने 54 वेबसाइटों को बंद कर दिया है।
शहर के साइबर पुलिस विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 50 से ज़्यादा होटलों के नाम से चलने वाली जालसाज़ वेबसाइट्स के ज़रिए ग्राहकों को ठगा जा रहा है। ये बदमाश वेबसाइट्स के अलावा फ़र्जी फ़ोन नंबर का भी इस्तेमाल करते हैं। यह घोटाला किस हद तक आगे बढ़ा है, यह अभी अज्ञात है, लेकिन अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।