Manipur Riots Latest Updates: फिर हिंसक हुआ मणिपुर, कुकी उग्रवादियों ने किया सुरक्षा बलों पर हमला !
Manipur Riots Latest Updates: कई महिनों से चल रही हिंसा के बिच मणिपुर का क्या होगा यह तो कोई नहीं जानता। लोकसभा चुनाव के दौरान भी मणिपुर हिंसा से ग्रस्त हो रहा है। देर रात कुकू उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के बटालियन पर जोरदार हमला किया है जिसमे सुरक्षा बलों के दो जवान शहीद हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक कई जवान घायल भी हुए हैं जिनमे से दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक मणिपुर में हिंसा पिछले कई दिनों से फिर से तेज हो गई है। जगह -जगह धरना प्रदर्शन तो चल ही रहे हैं लेकिन इसके बीच जहाँ भी मौका मिलता मिलता है उग्रवादी समूह जानलेवा हमला भी कर रहे रही। पिछले दिनों भी जानलेवा हमला किया गया था जिसमे कई लोगों की जाने चली गई थी लेकिन अब कुकी उग्रवादी पुलिस और सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं।
खबर मिल रही है कि कुकी उग्रवादियों ने मोइरांग थाना क्षेत्र के नारानसेना में सुरक्षा बालों के शिविर पर हमला किया। सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि उग्रवादियों ने शिविर को निशाना बनाकर पहाड़ की चोटयों से गोलियां बरसाई। यह गोलीबारी देर रात 12 बजे के बाद की गई और करीब ढाई बजे रात तक गोलीबारी चलती रही। उग्रवादियों ने कई घातक बम भी फेंके जिनमे से एक बम सीआरपीएफ के कैम्प पर गिड़ा और फैट गया। जिसमे लोगों की जाने चली गई।
सुरक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि शहीद कर्मियों की पहचान सीआरपीएफ के उप निरीक्षक एन सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है। कई जवान घायल भी हुए हैं जिनका इलाज कराया जा रहा है।
इस घटना के बाद पूरी मणिपुर में दहशत का माहौल है। कोई भी आदमी घर से बहार नहीं निकल रहा है। एक तरफ कुकी उग्रवादियों का हमला जारी है तू दूसरी तरफ मैतेई समाज के लोग भी अब मैदान जाने में की तैयारी कर रही है। दोनों ही समाज के लोग बड़ी संक्ल्ह्या में रहत शिवर में रह रहे हैं लेकिन उन्हें भीतर आज भी भय भी माहौल है।
जो लोग राहत शिविर में रह रहे हैं उनमे सबसे ज्यादा ख़राब हालत बच्चों और महिलाओं की हो गई। उनके सामने कई तरह की समस्या है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि पिछले डेढ़ साल से मणिपुर हिंसा में डूबा हुआ है लेकिन बिरेन सिंह की सरकार चल रही है।
मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। यह सरकार काफी बदनाम भी हो चली है लेकिन केंद्र सरकार इसे हटाने को तैयार नहीं है। अब तो लोग भी कहने लगे हैं कि अगर गैर बीजेपी की सरकार के काल में इस तरह की घटना होती तो कब की सरकार ख़त्म हो गई होती।