Up News :अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। राम आ गए अब कृष्ण की बारी है, ये एक ऐसा प्रण है जिसे प्रत्येक सनातनी हिंदू पूरा करना चाहता है। ये एक ऐसा इंतजार है जिसे हर सनातनी राम मंदिर की तरह वर्षों से इंतज़ार कर रहा है। कहतें है ना की सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं बस अब कुछ समय और जरुर लग सकता है मगर श्री कृष्ण मथुरा में जरुर आएंगे। वृन्दावन के प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज द्वारा लखनऊ में कही जा रही रामकथा में पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा को लेकर अपनी मंशा जाहिर की है, उन्होने राम जन्म भूमि आन्दोलन के समय संघ के नारे ‘मथुरा, काशी और विश्वनाथ, तीनों लेंगे एकसाथ’ को दोहराते हुए कहा कि मथुरा को भूले नहीं हैं। गौरतलब है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में रामोत्सव 2024 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा मुख्य यजमान के रूप में लखनऊ में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है, इसमें देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज द्वारा श्रीराम कथा का वाचन किया जा रहा है।
शनिवार को ऐशबाग रोड स्थित आयोजन स्थल पर चतुर्थ दिवस की कथा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद लिया। अपने उद्बोधन में उन्होनें कहा कि केंद्र और प्रदेश में हमारी सरकार बनी जिसके कारण 500 साल बाद रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुये हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से शहरों में विलुप्त हो रही हमारी सनातन संस्कृति को जागृत होने का अवसर मिला है। माता-पिता के प्रति सम्मान का वर्णन करते हुये उन्होनें कहा कि कथाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी तक श्रीराम के संस्कार जा रहे हैं। इस बीच देवकीनंदन महाराज ने मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण पर उप मुख्यमंत्री का ध्यान खींचा, तो उन्होनें भी अपनी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई। मथुरा के जिक्र पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम संघ के संगठन मंत्री रहे हैं। राम जन्मभूमि आन्दोलन से ही हम एक नारा लगाते आये हैं ‘मथुरा, काशी और विश्वनाथ, तीनों लेंगे एकसाथ ’। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बन गया है, एएसआई रिर्पोट के बाद काशी में भी हर-हर महादेव हो गया है। देवकीनंदन महाराज ने बात को आगे बढ़ाते हुये कहा कि तब तो दिशा मथुरा की ओर ही है। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से 500 वर्ष का कलंक हट गया है। श्री राम के आने से हर सच्चा सनातनी खुश है, जब राजा धर्माता होता है तो प्रजा भी धर्म को मानने वाली बन जाती है। जिस पर राम नाम का धन है वह सब से बड़ा धनवान है और जिसके पास राम नाम का धन नहीं उससे बड़ा कंगाल कोई नहीं।
कथा के मुख्य यजमान बृजेश पाठक ने सभी का स्वागत करते हुये आभार व्यक्त किया। श्री कृष्ण ने सिखाया कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों ना आ आये, हमें सदैव मुस्कुराते रहना चाहिए। इससे न केवल हमें देखकर अन्य लोग प्रेरित होंगे बल्कि हर समस्या को आसानी से सुलझाने में मदद मिलेगी। श्री कृष्ण ने सुदामा और अन्य सखाओं के माध्यम से हमें यह सिखाया कि मित्रता एक ऐसा बड़ा और सच्चा धर्म है, जो ना तो जाति-पाति देखता है और ना ही किसी प्रकार की अमीरी या गरीबी। मित्र को मित्र के रूप में उसकी कमियों के साथ स्वीकार करना ही सच्ची मित्रता है। यही कारण है कि जगत आज भी श्री कृष्णा और सुदामा की मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत करता है। भगवान श्री कृष्ण संपूर्ण जगत को प्रेम देने वाले प्रभु हैं और वास्तव में वसुधैव कुटुंबकम का संदेश उन्हीं के द्वारा दिया गया है, क्योंकि उनके अनुसार सभी जीवों से प्रेम करना चाहिए।