अंदर की बातट्रेंडिंगदिल्लीबड़ी खबरराजनीतिराज्य-शहर

Ministry of Jal Shakti News: जल शक्ति मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान में निभाई सहभागिता.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल (Cr Patil) ने इस मिशन को बढ़ावा देते हुए कहा कि ग्रामीण स्वच्छता मिशन (Rural Sanitation Mission) और राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के बीच सामंजस्‍य सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी अच्छी कोशिश दर्शाता है। इन ठोस प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल बाल मृत्यु दर को कम करने का लक्ष्य तय कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य और स्वच्छता की संस्कृति को भी बढ़ावा दे रहे हैं ।

Latest National NewsToday: जल शक्ति मंत्रालय सीआर पाटिल (IHHL) के मुताबिक, डीडीडब्ल्यूएस (DDWS) ने गांव और पंचायत स्तर पर सुरक्षित जल और स्वच्छता कार्य प्रणाली के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 1 जुलाई, 2024 से 2 माह के जागरूकता अभियान, ‘स्वच्छ गांव, शुद्ध जल-बेहतर कल’ का शुभारंभ किया ग्रामीण स्वच्छता मिशन और राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के बीच सामंजस्‍य सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है
जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल (Drinking Water From Jal Shakti Ministry) और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के साथ मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस अभियान का शुभारंभ 24 जून, 2024 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था। इस अभियान में केंद्रीय राज्य मंत्रियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा विकास भागीदार प्रतिनिधि भी शामिल होंगे ।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल (Cr Patil) ने इस मिशन को बढ़ावा देते हुए कहा कि ग्रामीण स्वच्छता मिशन (Rural Sanitation Mission) और राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के बीच सामंजस्‍य सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी अच्छी कोशिश दर्शाता है। इन ठोस प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल बाल मृत्यु दर को कम करने का लक्ष्य तय कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य और स्वच्छता की संस्कृति को भी बढ़ावा दे रहे हैं ।


डीडीडब्ल्यूएस सचिव सुश्री विनी महाजन ने कहा कि यह पहल हमारे बच्चों और समुदायों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के साथ अपने प्रयासों को एकीकृत करके, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा डायरिया जैसी रोकथाम योग्य बीमारियों से ग्रस्‍त न हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता पर हमारा ध्यान महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान का लक्ष्य दो माह की अवधि में एक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से डायरिया से होने वाली बाल मृत्यु दर को शून्य करना है।
इन बिंदुओ पर मुख्य विशेष ध्यान.
स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाना: विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का रखरखाव और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति (ओआरएस, जिंक) की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच में सुधार: सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता के लिए गुणवत्ता नियंत्रण उपायों और स्‍थायी कार्य प्रणालियों को लागू करना।

ALSO READ: Hathras Stampede: ये वकील लड़ेंगे हाथरस के भोले बाबा का केस, निर्भया केस से जुड़ चुका है नाम
पोषण कार्यक्रमों को बढ़ाना: दस्त संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए कुपोषण से निपटना।
स्वच्छता शिक्षा को बढ़ावा देना: स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करते हुए बच्चों को स्वच्छता के बारे में शिक्षित करना।
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, डीडीडब्ल्यूएस ने 1 जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सुरक्षित जल और स्वच्छता’ पर जागरूकता अभियान ‘स्वच्छ गांव, शुद्ध जल-बेहतर कल’ का शुभारंभ किया है। यह अभियान गांव और पंचायत स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित जल एवं स्वच्छता प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।यह प्रयास राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान के लक्ष्य में योगदान प्रदान करेगा, जिसके अंतर्गत डायरिया के कारण होने वाली बाल मृत्यु दर को कम करना तथा ग्रामीण भारत में समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इसके साथ ही, सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं स्वच्छ भारत की दिशा में भारत के सभी गांवों में खुले में शौच मुक्त प्लस मॉडल की स्थिति को बनाए रखने और इसे हासिल करने में सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रमुख अभियान गतिविधियां
सामुदायिक सहभागिता: ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां, जल समितियां और स्थानीय निकाय सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व सुनिश्चित करने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे।
जल गुणवत्ता परीक्षण: फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से नियमित परीक्षण किया जाएगा, जिसके परिणाम आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और सामुदायिक केंद्रों में प्रदर्शित किए जाएंगे।संवेदीकरण कार्यशालाएं: जिला जल एवं स्वच्छता मिशन स्थानीय समुदायों, सरकारी अधिकारियों और अन्य हितधारकों को जल प्रबंधन, स्वच्छता और स्वास्थ्य संवर्धन के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।
रिसाव का पता लगाने और मरम्मत अभियान : रिसाव को रोकने और जल संरक्षण के लिए जल आपूर्ति प्रणालियों का निरीक्षण और मरम्मत।
जन जागरूकता अभियान: जल स्वच्छता के महत्व, सफाई के लिए सुरक्षित स्वच्छता अभ्यास और व्‍यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल)/सामान्‍य सेवा केन्‍द्र (सीएससी) के उपयोग तथा जलजनित रोगों की रोकथाम के बारे में जागरूकता अभियान।
कमजोर समूहों पर विशेष ध्यान: डायरिया और अन्य जलजनित रोगों की घटनाओं को कम करने के लिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को लक्षित करना।
शैक्षिक पहल: युवा माताओं और किशोरियों के लिए उचित स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रथाओं पर कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र, जिसमें बच्चों के मल का सुरक्षित निपटान और हाथ धोने की तकनीक शामिल है।
चरणबद्ध कार्यान्वयन.
सप्ताह 1 और 2: अभियान का शुभारंभ, तालमेल बैठकें, जल गुणवत्ता परीक्षण और संवेदीकरण कार्यशालाएं।
सप्ताह 3 और 4: रिसाव का पता लगाने और मरम्मत अभियान, जन जागरूकता अभियान, तथा गांव की स्वच्छता के लिए स्वच्छता अभियान और संस्थानों में साबुन से हाथ धोने की सुविधा सुनिश्चित करना।
सप्ताह 5 और 6: अवशिष्ट क्लोरीन परीक्षण, जन जागरूकता अभियान, स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जल गुणवत्ता का निरीक्षण, धूसर (ग्रेवाटर) प्रबंधन के लिए विशेष अभियान और संस्थानों में खराब शौचालयों की जांच।
सप्ताह 7 और 8: स्थानीय समुदायों के साथ सहभागिता, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना, व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL) सामुदायिक स्वच्छता परिसर (सीएससी) के निर्माण के लिए विशेष अभियान और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित जल पर घर-घर जाकर पैम्फलेट वितरित करना।

Written by ।Pramod Sharma। EDITORIAL DESK

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button