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Mukhtar gang attacked Yogi UP: मुख्तार अंसारी का योगी आदित्यनाथ पर हमला, एके-47 लेकर हेलीकॉप्टर से पहुंचे आईपीएस अधिकारी

Mukhtar gang attacked Yogi UP: 7 सितंबर 2008 को तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ के काफिले पर मुख्तार अंसारी गिरोह ने आज़मगढ़ में कथित तौर पर हमला किया था। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बृज लाल, जो उस समय एडीजी कानून और व्यवस्था थे, उनका कहना है कि एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए, जबकि अंतिम समय में योजनाओं में बदलाव के कारण खुद आदित्यनाथ बाल-बाल बच गए।

मौजूदा सांसद के काफिले पर हमला, पहले पत्थर बरसते हैं, उसके बाद पेट्रोल बम और उसके बाद गोलीबारी होती है। विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की। एक आईपीएस अधिकारी स्थिति को संभालने और सर्च ऑपरेशन में शामिल होने के लिए एक एके-47 राइफल के साथ हेलिकॉप्टर में घटनास्थल पर पहुंचता है। सांसद को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

यह आसानी से हृदयस्थल पर आधारित एक ओटीटी शो का अनुक्रम हो सकता है। लेकिन घटनाएँ वास्तविकता में 2008 में सामने आईं जब गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ उस समय बाल-बाल बच गए जब उनके काफिले पर कथित तौर पर मुख्तार अंसारी गिरोह ने हमला किया था। बता दे कि, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के साथ-साथ इस तरह के कई मामलो से धूल हट रही है।

मऊ सदर सीट से पांच बार के विधायक 2005 से सलाखों के पीछे थे और उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बांदा जेल में बंद कर दिया गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। शनिवार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद दर्जी टोला में भारी सुरक्षा मौजूदगी के बीच उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

एक मीडिया से बात करते हुए, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बृज लाल, जो उस समय एडीजी कानून और व्यवस्था थे, उन्होंने 7 सितंबर, 2008 को आज़मगढ़ में आदित्यनाथ के काफिले पर हुए हमले का विवरण सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा कि, एक व्यक्ति की मौत हो गई और साथ ही 6 अन्य लोग घायल हो गए। 1977 बैच के एक अधिकारी ने कहा कि, उन्हें हेलिकॉप्टर के जरिए एके-47 राइफल के साथ एयरड्रॉप करना पड़ा।

हालांकि, यह कहानी 2005 में मऊ में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठने के वक्त की है। साथ ही बृज लाल ने यह भी बताया कि, “इस दौरान पांच बार के विधायक और माफिया से नेता बने, जिनका नाम मऊ में दंगा भड़काने के लिए सामने आया था, उन्हें खुली जीप से एके-47 लहराते देखा गया।”

बता दे कि, योगी आदित्यनाथ उस वक्त गोरखपुर के सांसद थे और वह खुद मऊ के लिए रवाना हुए। उस वक्त उन्हें जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें दोहरीघाट पर रोककर गोरखपुर के लिए वापस भेज दिया गया। उस दौरान समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे।

खबरों के मुताबिक, 2008 में योगी आदिच्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को चुनौती देते हुए कहा था कि, वह मऊ में हुए दंगों के पीड़ितों को न्याय जरूर दिलाएंगे। बृज लाल ने मीडिया को बताया कि, ”योगी जी ने हिंदू युवा वाहिनी के नेतृत्व में आज़मगढ़ में आतंकवाद के खिलाफ एक रैली की घोषणा की थी।” “चुनी गई तारीख 7 सितंबर, 2008 थी और डीएवी कॉलेज मैदान को रैली के लिए स्थान के रूप में चुना गया था।” ऐसा माना जाता है कि योगी आदित्यनाथ एक लाल एसयूवी में यात्रा कर रहे थे, जो 40 वाहनों के काफिले का हिस्सा था और काफिले के आज़मगढ़ पहुंचने से ठीक पहले उस पर पथराव हुआ, जिसके बाद पेट्रोल बम फेंके गए और साथ ही गोलीबारी भी की गई। बृज लाल ने बताया कि, योगी आदित्यनाथ के गनर ने भी गोलियां चलाईं थी।

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ एक कोइंसिडेंस की बात थी, जो उन्होंने आखिरी वक्त में अपनी लाल  SUV छोड़ दी और अपना वाहन बदल लिया, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई। यह एक पुरी तरह से वेल प्लेंड हमला था।”

उन्होंने बताया कि, जैसे ही उन्हें हमले की खबर मिली वे तुरंत ही आज़मगढ़ के लिए हेलिकॉप्टर लेकर रवाना हो गए और सिविल लाइंस जा कर उतरे। “मैंने एक एके-47 ली थी क्योंकि और अन्य अधिकारी पहले से ही काम में लगे हुए थे। साथ ही मैंने तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर को अफेक्टेड एरियाज का इंस्पेक्शन करने के लिए कहा। मुझे याद है एके-47 के साथ आज़मगढ़ की गलियों में घूमना। हमने लगातार छापेमारी की और हिंसा में शामिल कई लोगों पर मामला भी दर्ज किया।”

2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद, योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कुछ हिस्सों में माफिया संस्कृति से तेजी से निपटा, गिरोहों और उनकी गतिविधियों पर नकेल कसी। ”माफिया डॉन और साथ ही प्रोफेशनल क्रिमिनल अब अपनी जान की भीख मांग रहे हैं।योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, यूपी में किसी भी माफिया डॉन या अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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