Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा में स्वच्छता की नई मिसाल, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण और पर्यावरण मित्रों की तैनाती से व्यवस्था सुदृढ़
केदारनाथ यात्रा को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन ने डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण की व्यवस्था लागू की है। हर किलोमीटर पर 10 पर्यावरण मित्र तैनात कर सफाई व्यवस्था को मजबूत किया गया है। यह पहल न केवल पर्यावरण सुरक्षा में सहायक है बल्कि तीर्थ यात्रियों को बेहतर अनुभव भी दे रही है।
Kedarnath Yatra: देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ यात्रा को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाए रखने की दिशा में उत्तराखंड शासन और जिला प्रशासन की ओर से निरंतर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार यात्रा को पहले से अधिक व्यवस्थित और स्वच्छ बनाने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, प्रत्येक किलोमीटर पर पर्यावरण मित्रों की तैनाती, और कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण जैसी योजनाएं लागू की गई हैं।
डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण से बढ़ी व्यवस्था की पारदर्शिता
यात्रा मार्ग और केदारनाथ धाम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण की व्यवस्था लागू कर दी गई है। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग एकत्र कर उसका उचित निस्तारण किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने बताया कि श्रद्धालुओं का अनुभव स्वच्छ और यादगार बने, इसके लिए शासन-प्रशासन लगातार नवाचार कर रहा है।
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क्योंकि प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु केदारनाथ की ओर प्रस्थान करते हैं, ऐसे में सफाई एक बड़ी चुनौती है। इसलिए सड़क और पैदल यात्रा मार्गों को सेक्टरों में विभाजित किया गया है ताकि सफाई की निगरानी और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
होटल और दुकानों से दो बार कूड़ा एकत्रित कर हो रहा निस्तारण
केदारनाथ नगर पंचायत और सुलभ इंटरनेशनल की ओर से पर्यावरण मित्रों की टीमें गठित की गई हैं जो प्रतिदिन दो बार होटल, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों से कूड़ा एकत्रित कर रही हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा मार्ग की दुकानों से भी कूड़ा व्यवस्थित तरीके से लिया जा रहा है। यह कचरा पहले जैविक और अजैविक रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
सोनप्रयाग में प्रतिदिन तीन कुंतल कचरे का निस्तारण
सुलभ इंटरनेशनल के क्षेत्रीय प्रबंधक धनंजय पाठक ने जानकारी दी कि केदारनाथ से एकत्र किया गया प्लास्टिक कचरा अलग बैग में भरकर सोनप्रयाग भेजा जाता है। वहां स्थापित कॉम्पेक्टर में रोज़ाना लगभग तीन कुंतल कचरा निस्तारित किया जा रहा है। जैविक कूड़े का स्थानीय स्तर पर निस्तारण किया जाता है जबकि प्लास्टिक जैसे अजैविक कचरे को कॉम्पेक्ट कर बेच दिया जाता है। पिछले वर्ष लगभग 19 टन कचरे का निस्तारण सफलतापूर्वक किया गया था।
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प्रत्येक किलोमीटर पर तैनात हैं 10 पर्यावरण मित्र
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी नीरज कुमार कुकरेती ने बताया कि मंदिर परिसर, हेलीपैड, आस्था पथ, भैरवनाथ मार्ग जैसे संवेदनशील स्थानों पर 55 पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं। सुलभ इंटरनेशनल की ओर से कुल 550 पर्यावरण मित्र यात्रा मार्ग पर नियुक्त किए गए हैं। पैदल मार्ग की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हर 100 मीटर पर एक सफाई कर्मी मौजूद है, यानी औसतन हर किलोमीटर पर 10 पर्यावरण मित्र तैनात हैं।
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पर्यावरणीय संतुलन के लिए प्रभावी पहल
इन व्यवस्थाओं से न केवल यात्रा मार्ग को स्वच्छ बनाए रखने में मदद मिल रही है, बल्कि यह पहल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत सकारात्मक है। तीर्थ यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय स्वच्छता कर्मचारियों को रोजगार भी मिल रहा है।
केदारनाथ यात्रा को एक आदर्श तीर्थ यात्रा बनाने की दिशा में उत्तराखंड प्रशासन का यह प्रयास स्वच्छ भारत मिशन को भी सशक्त कर रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, पर्यावरण मित्रों की तैनाती और कुशल निस्तारण प्रणाली जैसे नवाचार इस यात्रा को स्वच्छता का प्रतीक बना रहे हैं। आने वाले समय में यह मॉडल देश के अन्य तीर्थ स्थलों के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध हो सकता है।
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