Atom Bomb: इन तीन हिंदुस्तानियों के पास एटमिक ताकत, तीनों साथ आएं तो घुटनें टेक देगी दुनियां
हमारी धमनियों में बह रहा रक्त (Atom Bomb) हमारे महान पूर्वजों का है और ये कोई मामूली रक्त नहीं है। इस रक्त में हमारे महान ऋषियों की ऊर्जा और तपस्या का बल है और यही वजह है कि आज हिंदुओं को पूरी दुनिया में इतनी बड़ी-बड़ी कामयाबियां मिल रही हैं।
नई दिल्ली: हमारी धमनियों में बह रहा रक्त (Atom Bomb) हमारे महान पूर्वजों का है और ये कोई मामूली रक्त नहीं है। इस रक्त में हमारे महान ऋषियों की ऊर्जा और तपस्या का बल है और यही वजह है कि आज हिंदुओं को पूरी दुनिया में इतनी बड़ी-बड़ी कामयाबियां मिल रही हैं।
पूरी दुनिया में इस वक्त तीन ऐसे हिंदू हैं जिनके पास न्यूक्लियर बम का बटन है और ये दुनियां में हिंदुओं का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन स्वयं प्रकृति ने ही कर दिया है जो सनातन है अनादि है। अब आप सोच रहे होंगे कि हिंदुओं के पास परमाणु बम का बटन और वो भी तीन-तीन हिंदुओं के पास अगर आपको विश्वास ना हो तो विश्वास दिला ही देते हैं।
तीन हिन्दुस्तानियों के पास एटमिक पॉवर
सबसे पहले हिंदू हैं नरेंद्र मोदी जिनके पास न्यूक्लियर बम का बटन है, दूसरे हिंदू हैं ब्रिटेन के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जिनके हाथों में न्यूक्लियर बटन है। 25 अक्टूबर को जब ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स से मुलाकात की थी तब उनको ब्रिटेन की न्यूक्लियर पावर के बारे में बताया गया था और तीसरी हिंदू मूल की एक महिला है जिनका नाम है कमला हैरिस।
कमला हैरिस इस वक्त अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। बाइडन अब 79 साल के हो चुके हैं उनको चलने में भी परेशानी होती है, व्हाइट हाउस का सारा काम कमला हैरिस ही संभालती हैं। अघोषित रूप से कमला ही राष्ट्रपति हैं बाइडन सिर्फ एक चेहरा हैं।
कमला हैरिस के पिता ईसाई लेकिन मां हिंदू थीं फिर भी हमने वो तस्वीर भी देखी है जब अमेरिका के इतिहास मे पहली बार व्हाइट हाउस में सबसे शानदार दिवाली मनाई गई। कमला हैरिस के लिए ही व्हाइट हाउस में पहली बार इतनी बड़े पैमाने पर दिवाली मनाई गई।
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हिंदुओं की नस्ल, फौलाद की नस्ल
आज इस मौके पर दूसरे विश्वयुद्ध के जमाने की एक घटना याद आती है, जब ब्रिटिश आर्मी की एक टुकड़ी रेगिस्तान में खो गई थी। इस टुकड़ी में भारतीय, अंग्रेज़ और फ्रेंच नस्ल के जवान थें। भूख प्यास से काफी जवान मर गए थे लेकिन आखिर में करीब डेढ़ महीने के बाद जब टुकड़ी के कुछ सदस्य मिले तो सारे के सारे जवान जो जिंदा मिले वो भारतीय ही थें। इससे पता चलता है कि हम हिंदुओं की नस्ल फौलाद की नस्ल है।
आज जब हिंदू पूरी दुनिया में छा जा रहे हैं तो ऐसे में हिंदू धर्म के खिलाफ एजेंडा चलाने वालों की हालत काफी पतली हो चुकी है इसीलिए अब पूरी दुनिया में हिंदुओं की खिलाफ बहुत तेजी से नफरत भी फैलाई जा रही है लेकिन इनके सारे एजेंडे फेल होगें।