नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ती जा रही है। उनके खिलाफ अब एक साजिशन माहौल बनाया जाने लगा है। हालांकि उन्होंने सदन में महिला शिक्षा और प्रजनन दर को लेकर दिए अपने गैर मर्यादित बयान पर सार्वजानिक माफ़ी मांग चुके हैं लेकिन बीजेपी समेत कई नेता नीतीश कुमार को घेरने और बदनाम करने की तैयारी में जुट गए हैं। सीएम नीतीश के खिलाफ कार्रवाई की मांग अब महिला आयोग की अध्यक्ष रतेखा शर्मा भी करने लगी है। पहले रेखा शर्मा उनसे माफ़ी की मांग कर रही थी लेकिन अब वे सीएम पर कार्रवाई की मांग कर रही है और इसके लिए उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष्व को पत्र भी लिखा है।
उधर मुजफ्फरपुर में आज नीतीश कुमार के खिलाफ एक मामला भी दर्ज कराया गया है। जानकारी के मुताबिक इस मामले की सुनवाई 25 तारीख को होगी। अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार सदन में महिलाओं की शिक्षा और प्रजनन दर को लेकर बात कर रहे थे और जनसंख्या नियंत्रण के लिए क्या कुछ करना चाहिए इस पर बात कर रहे थे लेकिन वे जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रहे थे वह काफी अपमानजनक थी। इससे माता और बहनों का अपमान हुआ है। समविजधानिक संस्थाओं के भीतर इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इस मामले पर अदालत को कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। अब अदालत क्या कुछ करता है इसे देखने की बात है।
बता दें कि मंगलवार को नीतीश की सरकार ने जातीय गणना को लेकर कई तरह के आंकड़े पेश किये। ये आंकड़े मूलतः आर्थिक और सामाजिक आंकड़े थे जो बिहार की आर्थिक और सामाजिक दशा से जुड़े हुए थे। इसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई और उसमे आबादी के मुताबिक़ 65 फीसदी आरक्षण को लेकर स्वीकृति दी गई। फिर सदन के भीतर सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की बढ़ती आबादी और प्रजनन दर को कैसे कम किया जाए इसको लेकर बायत की। उन्होंने महिला शिक्षा को आगे बढ़ाने की वकालत की और कहा कि शिक्षित महिलाये जनसँख्या वृद्धि को काम कर सकती है .लेकिन इतनी सी बात को नीतीश कुमार ने जिस अंदाज शब्दों में कहा और वह सुनने में काफी अपमानजनक लग रहा था। हालांकि वे सेक्स एजुकेशन की बात कर रहे थे लेकिन कहने का तरीका ठीक नहीं था। कहा जा सकता है कि जिन शब्दों के प्रयोग कर रहे थे वे संवैधानिक नहीं थे।
यह बात अलग है कि नीतीश कुमार अपने बयानों पर माफ़ी मांग चुके हैं और खुद को शर्मिंदा होने की बात भी कह चुके हैं। कायदे से इस बात को यही पर ख़त्म कर देना चाहिए। लेकिन बीजेपी और उसके लोग अब इस बात को आगे बढ़ा रहे हैं। उधर प्रधानमंत्री मोदी भी आज मध्यप्रदेश में एक सभा को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार पर तंज किया और उनके बयान को घटिया करार दिया।