न्यूज़लाइफस्टाइलसेहतनामा

जिन महिलाओं को मासिक धर्म में होता है भयंकर दर्द, उन्हें प्रतिदिन करने चाहिए ये 5 योगासन

Yoga To Do During Periods: क्या पीरियड्स के दौरान आपके भी शरीर के अलग-अलग अंग में भयंकर दर्द रहता है। अगर हां तो आप इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासन कर सकती हैं। आइए जानते हैं कौन से योगासन आपकी सहायता कर सकते हैं।

Yoga To Do During Periods

Read: Women’s Periods Problem: क्यों होता है पीरियड्स टाइम लड़कियों के ब्रेस्ट में दर्द?

महिलाओं के सिर पर अक्सर पुरुषों से अधिक न केवल जिम्मेदारी होती है। बल्कि उन्हें हर महीने एक प्रकृति पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है। जिसे हम सब मासिक धर्म के नाम से जानते हैं। मासिक धर्म (Periods) के दौरान अक्सर महिलाओं को कमर दर्द, पेट दर्द और ऐंठन की समस्या से जूझना पड़ता है। जिसके कारण से महिलाए कई प्रकार के काम करने में असमर्थ हो जाती हैं।

एक्सपर्ट इस स्थिति से बचने के लिए उन्हें कुछ योगासन करने की सलाह देते हैं। हालांकि यह बात अलग है कि दर्द की स्थिति में कोई कैसे एक्सरसाइज या योगासन कर सकता है। लेकिन आप चाहें तो इन योगासनों को आजमा सकते हैं। यह योगासन आसानी से आपको दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत दिला सकते हैं।

भुजंगासन

Periods

भुजंगासन करने के लिए आपको सबसे पहले पेट के बल लेटना होगा। इस दौरान आपको ध्यान रखना है कि आपके दोनों पैर एक दूसरे के आस पास ही हों। अपने हाथों को कंधे के नीचे की तरफ ले जाएं। अब अपनी चेस्ट और सिर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपके पैर जमीन पर ही रहेंगे और आपके ऊपर के शरीर को सपोर्ट देने के लिए आपके हाथ जमीन पर रखें रहेंगे। आसन करते समय सांस सामान्य रूप से लेते रहें। बॉडी को स्ट्रेच करके रखें। कुछ देर इस पोजीशन में रहने के बाद आराम करें। इसके कुछ देर बाद यह आसन फिर से दोहराएं।

यह आसन आपके एब्डोमिनल को मजबूती देता है। साथ ही आपकी गर्दन बैक को स्ट्रेच करता है। यह आलस दूर करने और स्ट्रेस कम करने के लिए भी जाना जाता है।

धनुरासन

Periods

धनुरासन करने के लिए आप सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और ध्यान रखें कि आपके पैर एक दूसरे के करीब हैं। इस दौरान अपनी हथेलियों को कंधे के ठीक नीचे और पास रखें। अब अपने सिर और छाती को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान अगर जरूरत हो तो आप अपनी कोहनी मोड़ सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आप किसी एक तरफ झुक नहीं रहे हो। आसन के दौरान छत की ओर देखें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। जब आपको लगे की आपने आसन के दौरान बैलेंस बना लिया है तो कोहनी को सीधा करें। इस पोजीशन में कुछ देर रहे फिर ब्रेक ले। अब इस आसन को दोबारा दोहराएं।

यह आसन आपके पेट के मसल्स को मजबूती देता है। इसके अलावा यह आपके चेस्ट और कंधों को फैलाता है। साथ ही यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को भी लाभ पहुंचाता है।

जानुशीर्षासन

Periods

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले फर्श पर या मैट पर सीधे बैठ जाएं। इसके बाद अपने पैरों को सामने की तरफ फैला लें। अब आप अपने राइट घुटने को बाहर की तरफ मोड़े ताकि आपकी राइट एड़ी आपकी बाईं जांघ को छुए। अब धीरे-धीरे झुकना शुरू करें और लेफ्ट पैर की तरह जाने की कोशिश करें। इस दौरान जितना हो सके अपनी पीठ को स्ट्रेच करें और अपनी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य बनाए रखें। ध्यान रहे कि इस दौरान आपका लेफ्ट घुटना और कमर बिलकुल सीधी रहे। अब अगर आप अपने लेफ्ट एड़ी तक पहुंचने में सक्षम नहीं है तो आप अपने टखने के भी पकड़ सकते हैं। इसके बाद अपने पैर की उंगलियों को अपनी तरफ मोड़े। इस पोजीशन में दो मिनट तक बने रहें इसके बाद रेस्ट करें। कुछ देर बाद इस आसन को दूसरे पैर से दोहराएं।

जानुशीर्षासन के जरिए आपकी पीठ, कंधे और हैमस्ट्रिंग फैलने लगती है। साथ ही यह पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है। अगर आपका मन अशांत रहता है तो यह आसन आपके मन को शांत करने का भी कार्य करता है। यही नहीं यह थकान भी मिटाता है।

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट किसी समतल स्थान पर बिछाएं। इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ कर मैट पर रखें और दोनों घुटनों के बीच गैप रखें। अब अपनी हथेलियों को पीठ के निचले हिस्से पर रखें, ताकि आपके शरीर का बैलेंस बना रहे। इसके बाद अपनी चेस्ट और सिर ऊपर की तरफ उठाएं। इसके साथ अपने कंधों को नीचे की तरफ ले जाएं और अपने कूल्हों को आगे को तरफ धकेलें। इसके बाद अपनी पीठ को तानना शुरू करें। अब अपनी हथेलियों को आगे बढ़ाएं और अपनी एड़ियों को पकड़े और आसमान की तरफ देखें। लगभग एक मिनट तक इस पोजीशन में रहे और फिर आराम करें। इसके बाद फिर से इस आसन को दोहराएं।

इस आसन को करते समय शुरुआत में आपको गिरने का डर हो सकता है। इसलिए डरें मत। धीरे धीरे यह डर निकला जाएगा। उष्ट्रासन के जरिए आपके धड़, छाती, पेट, कमर और कंधों को खोलता है। साथ ही इसके जरिए आपकी पीठ की मांसपेशियों में भी सुधार होता है। यह बेचैनी भी कम करता है और थकान से भी राहत दिलाता है।

मत्स्यासन

मत्स्यासन

आपको सबसे पहले किसी समतल स्थान पर पीठ के बल लेटना होगा। अब अपने पैरों के जरिए पद्मासन लगाना होगा। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ना होगा। अब अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाना होगा, लेकिन ध्यान रहे इस दौरान आपके पैर सिर दोनों जमीन पर ही होंगे।

जब आप कमर ऊपर उठाएंगे तो आपको गर्दन भी उठाकर रखनी होगी और आपकी नजरें इस दौरान पीछे की तरफ होंगी। इस दौरान सांस लेने की प्रक्रिया को थोड़ा धीरे और गहरा रखें। जितनी देर हो सके इस पोजीशन में रहें और फिर खुद को आराम दे दें। इसके कुछ देर बाद रेस्ट लेकर फिर से योगासन करें। यह आसन करने से आपकी चेस्ट, कंधे और गर्दन स्ट्रेच हो जाएंगे। इससे आपको मासिक धर्म के दौरान दर्द से राहत मिलेगी।

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button