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Shakib Al Hasan ruled out of CWC23: क्रिकेटर के साथ हुआ बड़ा हादसा, शाकिब टाइम आउट विवाद के अगले दिन हुए वर्ल्ड कप से बाहर

Shakib Al Hasan ruled out of CWC23: बांग्लादेश को बड़ा झटका लगा है। श्रीलंका के खिलाफ एंजेलो मैथ्यूज के साथ हुए टाइम आउट विवाद के अगले ही दिन शाकिब अल हसन वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं।

बेहतरीन स्पिन गेंदबाज, बल्लेबाजी में जोरदार, तेज तर्रार फील्डर कुल मिलाकर मैच विनर… शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) में वह काबिलियत है, जो शायद ही दुनिया के किसी ऑलराउंडर में होगी। वह 2019 विश्व कप (world cup) में अकेले दम पर बांग्लादेश को कई मैचों में जीत दिलाने में सफल रहे थे। 8 मैचों में गजब की बैटिंग करते हुए 86.57 की औसत से 8 मैचों में 606 रन ठोके थे। तीसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। 11 विकेट भी चटकाए थे। हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था, शाबाशी दे रहा था, लेकिन 2023 विश्व कप (world cup) में उन्होंने एक ऐसा फैसला किया, जिसने उनके करियर में बड़ा दाग लगा दिया।

विश्व कप 2023 में एक फैसले के कारण सुर्खियों में आए बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। बाईं तर्जनी की चोट की वजह से वह ICC पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 (world cup) के टीम के आखिरी मुकाबले में नहीं खेल पाएंगे। शाकिब को 6 नवंबर 2023 को दिल्ली में श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश के अंतिम लीग चरण के खेल में बल्लेबाजी करते वक्त चोट लगी थी। बांग्लादेश के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि उसे आखिरी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से खेलना है।

खेल के बाद X RAY में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई, जिससे वह 11 नवंबर को पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बांग्लादेश के टूर्नामेंट के आखिरी मुकाबले से बाहर हो गए। राष्ट्रीय टीम के फिजियो बायजेदुल इस्लाम खान ने चोट के बारे में अधिक जानकारी दी। उन्होंने कहा- शाकिब (Shakib Al Hasan) को अपनी पारी की शुरुआत में बाईं तर्जनी पर चोट लगी थी, मगर उन्होंने सहायक टेप और दर्द निवारक दवाओं के साथ बल्लेबाजी करना जारी रखा।

उन्होंने अपने बयान में आगे कहा- मुकाबले के बाद दिल्ली में उनका आपातकालीन X RAY हुआ जिसमें बाएं PIP जोड़ में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई। 3 से 4 सप्ताह में ठीक होने का अनुमान है। वह अपना पुनर्वास शुरू करने के लिए 6 नवंबर को बांग्लादेश के लिए रवाना हुए। शाकिब (Shakib Al Hasan) ने 65 गेंदों में 12 चौकों और 2 छक्कों की सहायता से 82 रन की मैच विजयी पारी खेली और अपनी टीम को श्रीलंका पर 3 विकेट से जीत दिलाई।

उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की थी और 57 रन देकर 2 विकेट झटके थे। तनावपूर्ण संघर्ष में बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन ने उन्हें player of the match का पुरस्कार दिलाया। इसी मैच में श्रीलंका (Srilanka) के बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज के खिलाफ शाकिब ने time out की अपील की थी और इस विवादित तरीके पर लोग काफी आलोचना भी कर रहे हैं। दिग्गज क्रिकेटरों का मानना है कि शाकिब ने खेल भावनाओं का सम्मान नहीं किया, जबकि बांग्लादेशी कप्तान का कहना है कि अगर गलत है तो ICC को नियम में बदलाव करना चाहिए।

srilanka के खिलाफ मुकाबले में जीत की सनक में उन्होंने मैथ्यूज के खिलाफ time out की अपील की और आखिरी दम तक अपने फैसले को सही साबित करने की कोशिश करते रहे। शाकिब (Shakib Al Hasan) प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी तमाम उदाहरण देते नजर आए।

मैदान पर गाली-गलौच, अंपायर से भिड़ंत… शाकिब के लिए कुछ भी नया नहीं

शाकिब ने यहां तक कह दिया कि वह युद्ध क्षेत्र में थे, जबकि वह यह भूल गए कि यह क्रिकेट का मैदान था। यहां जीतना लक्ष्य होता है, लेकिन इस बात का ख्याल रखना होता है कि आप कुछ ऐसा न कर डालें, जो खेल भावना के खिलाफ हो। हर चीज की एक सीमा होती है। न केवल एक खिलाड़ी, बल्कि एक कप्तान के रूप में आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप टीम में शामिल युवाओं के लिए बेहतर उदाहरण बनें। न कि एक ऐसा सनकी कप्तान, जो मैदान पर गाली-गलौच करता है। फैंस से भिड़ जाता है। अंपायर के फैसले पर बिफर पड़ता है और खुद के गुस्से पर काबू नहीं है। कुछ ऐसे ही तो हैं शाकिब अल हसन।
शाकिब क्या ऐसे बांग्लादेशी युवाओं के हीरो बनेंगे?
शाकिब (Shakib Al Hasan) खेल के दौरान भूल जाते हैं कि क्रिकेटर भी एक इंसान होता है। उसका क्रिकेटर करियर उसकी उम्र से कहीं छोटा होता है। रिटायरमेंट के बाद क्या कोई टीम ऐसे पूर्व क्रिकेटर को कोच बनाना चाहेगी, जो मैदान पर अपनी बदतमीजियों के लिए बदनाम हो। क्या विश्व कप कॉमेंट्री पैनल में उसे यह जानते हुए जगह दी जाएगी कि वह गाली बकता हो। संभवत: नहीं। शायद क्लब या फ्रेंचाइजी क्रिकेट टीम भी ऐसा न किया जाए। ऐसे सिरफिरे बदनाम क्रिकेटर पर भरोसा कर पाना किसी के लिए संभव नहीं है।


खैर, सबसे पहले समझते हैं कि श्रीलंका (Sri lanka) के खिलाफ मैच में दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में आखिर हुआ क्या..। दरअसल, विश्व कप (world cup) के एक मुकाबले में श्रीलंका को बांग्लादेश के खिलाफ 25वें ओवर में चौथा झटका लगा। दूसरी गेंद पर शाकिब अल हसन ने समरविक्रमा को आउट किया। इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज मैदान पर आए। वह स्टांस लेते इससे पहले हेलमेट टाइट करने के दौरान पता चला कि स्ट्रिप टूटी हुई है। इस पर वह पवेलियन की ओर इशारा करते हैं और नया हेलमेट मंगवाते हैं। इस दौरान शाकिब अल हसन टाइम आउट की अपील कर देते हैं और ड्रामे के बाद अंपायर का फैसला शाकिब के पक्ष में जाता है। इस पर क्रिकेट की दुनिया के तमाम दिग्गज शाकिब से सहमत नहीं हैं।
शाकिब के क्रिकेट करियर की जब भी बात होगी तो मैथ्यूज का नाम जरूर लिया जाएगा और यह उनकी छाती में आजीवन किसी तीर सी लगती रहेगी। इस पर 2011 का वह वाकया याद आ गया, जब भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच में इयान बेल तीन रन लेने के बाद दूसरे छोर पर खड़े हो गए थे। उन्हें लगा गेंद 4 रनों के लिए बाउंड्री पार कर गई है, लेकिन ऐसा नहीं था। प्रवीण कुमार के थ्रो पर धोनी ने रन आउट किया। हालांकि, सचिन तेंदुलकर की सलाह पर धोनी ने फैसला बदला और बेल फिर बल्लेबाजी करने मैदान पर आए। यह मैच भारत 319 रनों से हार गया था, जबकि बेल ने गजब की बैटिंग करते हुए 159 रन बनाए थे। इंग्लैंड पहली पारी के आधार पर भारत से पिछड़ा था। इतिहास में धोनी का यह फैसला दर्ज है और खेल भावना के लिए उदाहरण के तौर पर याद किया जाता है।

तब लाहिरू थिरिमाने को सचिन-सहवाग ने दिया था जीवनदान

2012 में भारतीय स्पिनर अश्विन ने लाहिरू थिरिमाने को मांकडिंग रन आउट किया। उस समय सहवाग टीम के कप्तान थे। मैदान पर सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे। भारतीय टीम (team india) चाहती तो थिरिमाने को पवेलियन लौटना पड़ता, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने सहवाग से बात करके मामला रफा-दफा कर दिया। यह खेल भावना थी। इसलिए ही तो सचिन, सहवाग और धोनी को महान कहा जाता है। इसलिए आपको सालों साल याद किया जाता है और हीरो माना जाता है, लेकिन अगर आप एक विवादित फैसला करते हैं तो उसकी गिल्ट के साथ पूरी जिंदगी जीनी पड़ती है।
शाकिब अल हसन को यहां यह समझना चाहिए था कि यह Bangladesh premier league नहीं है, जहां आप अपने देश में मनमाना तरीके से व्यवहार करेंगे और उसे बर्दाश्त किया जाएगा। अंपायर को गाली देंगे, स्टंप्स पर लात मारेंगे, साथी खिलाड़ी से भिड़ जाएंगे, फैंस को कूट देंगे… फेहरिस्त लंबी है। यह विश्व कप है, इंटरनेशनल क्रिकेट है या ICC की किताबों में दर्ज किया गया। मैथ्यूज टाइम आउट होने वाले पहले खिलाड़ी बने। यह कहानी जब भी लिखी जाएगी तो विलन के कॉलम में शाकिब का नाम होगा। वह चाहकर भी इसे बदल नहीं सकेंगे। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं कि वह अपनी टीम बांग्लादेश (team Bangladesh) के लिए इस जीत से हीरो रहेंगे, आईसीसी के नियमों के मुताबिक भी वह सही रहेंगे, मगर खेल भावना को लेकर उनकी आलोचना होती रहेगी। इस मैच में उनके इस विवादित फैसले से मिली जीत से बांग्लादेश के ICC Champion trophy के लिए क्वॉलिफाइ करने की संभावना बढ़ गई है।

Prachi Chaudhary

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