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Bhagat Singh Birth Anniversary: पीएम मोदी ने शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर किया याद

PM Modi remembered Shaheed Bhagat Singh on his birth anniversary

Bhagat Singh Birth Anniversary: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) भगत सिंह (Bhagat Singh) को उनकी जयंती के अवसर पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि (Heartfelt Tribute) अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “अमर शहीद (Immortal Martyr) भगत सिंह की जयंती (Bhagat Singh Birth Anniversary) पर मैं उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि के गौरव की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया।”

ट्विटर पर एक वीडियो में प्रधानमंत्री ने भगत सिंह के साहस (Bravery) और निस्वार्थ समर्पण (Selfless Dedication) की प्रशंसा की और कहा, “देश के हर नागरिक की तरह मैं भी साहस और शक्ति (Power) के प्रतीक शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। अपनी जान की परवाह किए बिना भगत सिंह और उनके साथियों ने साहसिक कार्य (Brave Act) किए, जिन्होंने हमारे देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे जोर देकर कहा कि, भगत सिंह के लिए व्यक्तिगत गौरव कभी चिंता का विषय नहीं रहा। “उन्होंने सिर्फ़ एक मिशन के लिए जीवन जिया और उसी मिशन के लिए अपनी जान दे दी – भारत को अत्याचार (Atrocity) और ब्रिटिश शासन (British Rule) से मुक्त कराना। ऐसे समय में जब ब्रिटिश साम्राज्य (British Empire) का दावा था कि उनके शासन में कभी सूरज नहीं डूबता, एक 23 वर्षीय युवा ने उनकी सत्ता को हिला दिया।”

अपने संदेश के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भगत सिंह के देशभक्ति के जोश से प्रेरित होने का आग्रह किया, “हम भगत सिंह बन सकते हैं या नहीं बन सकते हैं, लेकिन हमारे अंदर अपने देश के लिए उतना ही प्यार होना चाहिए। हमें अपने देश के लिए कुछ करने का जुनून पैदा करना चाहिए।”

भगत सिंह कौन थे?

28 सितम्बर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (Lyallpur District, Punjab) के बंगा में जन्मे शहीद भगत सिंह को भारत के स्वतंत्रता संग्राम (Independence Struggle) के सबसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों (Revolutionaries) में से एक माना जाता है। स्वतंत्रता के प्रति उनके अडिग समर्पण (Unwavering Dedication) और देश की आजादी (Independence of the Country) के लिए अपने प्राणों की आहुति (Sacrifice of Life) देने की उनकी इच्छा ने उन्हें औपनिवेशिक शासन (Colonial Rule) के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बना दिया है।

लाहौर षडयंत्र केस (Lahore Conspiracy Case) में शामिल होने के कारण भगत सिंह, उनके साथियों सुखदेव (Sukhdev) और राजगुरु (Rajguru) को 23 मार्च, 1931 को ब्रिटिश सरकार (British Government) ने फांसी पर चढ़ा दिया था। उनकी फियरलेस एक्टिविज्म (Fearless Activism) और कार्रवाई के आह्वान ने लाखों भारतीयों, विशेषकर युवाओं में स्वतंत्रता की भावना को प्रज्वलित किया।

राष्ट्र भगत सिंह (Nation Bhagat Singh) को एक सच्चे देशभक्त (True Patriots) के रूप में याद करता है और उनका सम्मान करता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।

Chanchal Gole

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