पीएम मोदी से पहले राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के राजनीतिक मायने
Karnataka Political News: समय कैसे बदलता है इसकी बानगी राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा के दौरान न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में पांच हजार प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करने की योजना है। जो पीएम मोदी पहले प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करते रहे हैं अब उन्ही प्रवासियों को राहुल संबोधित करेंगे। संभव ही कि पीएम मोदी कई हजार प्रवासियों को सम्बोधित करते रहे हैं लेकिन उन कई हजार प्रवासियों में से मात्र पांच हजार प्रवासी भी अगर राहुल को सुनने को बेताब हैं तो यह कोई मामूली बात नहीं है। राहुल की यह यात्रा हलाकि निजी यात्रा है लेकिन इस यात्रा के बड़े संदेश हैं। आगामी साल में भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं। दुनिया की बदलती राजनीति में प्रवासी भारतीयों की भूमिका को कमतर नहीं माना जा सकता है। अगर राहुल की यह यात्रा सफल होती है तो कहा जा सकता है कि कांग्रेस की पैठ अमेरिका समेत दुनिया भर में रहे रहे प्रवासियों में भी बढ़ती जा रही है। बीजेपी के लिए यह एक झटका के समान माना जा सकता है।
राहुल गांधी 31 मई को अमेरिका की यात्रा पर निकल रहे हैं।
यह यात्रा दस दिनों की होगी। इससे पहले उन्होंने ब्रिटैन की यात्रा की थी और उनके भाषणों को लेकर देश दुनिया में खूब चर्चा हुई थी। संसद में भी हुड़दंग मचा था। राहुल पर कई सवाल किये गए थे। बीजेपी ने राहुल को घेरा था कि उन्होंने ब्रिटेन में भारत के खिलाफ भाषण दिया है और ऐसे में राहुल को सदन और देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।
अब राहुल की यात्रा कई अमेरिका की है। यह उनकी निजी यात्रा है। इस यात्रा में वे कई जगह भाषण भी देंगे ,छात्रों से मिलेंगे और फिर प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित भी करेंगे। जून के दूसरे सप्ताह में राहुल यात्रा से लौट जाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी की यात्रा होगी। पीएम मोदी की यात्रा सरकारी यात्रा ही। वे जो बाइडेन के निमंत्रण पर जा रहे हैं। कई मसलों पर दोनों देशो के बीच वार्ता होगी ,समझौते होंगे।
बड़ी बात यह है कि वाइट हाउस में पीएम मोदी के ख़ास भोज का भी आयोजन किया गया है।
राहुल की यात्रा का सबसे दिलचस्प फ्लू यही है कि वे बड़े कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयोँ को सम्बोधित करेंगे। कांग्रेस की विदेश यूनिट इस कार्यक्रम को तैयार कर रही है। इसके कार्यक्रम के पुरोधा सैम पित्रोदा हैं। पित्रोदा कांग्रेस के बड़े चेहरा रहे हैं। वे राजीव गाँधी के मित्र थे और भारत में संचार क्रांति के अग्रदूत के रूप में उनकी पहचान आज होती है। जानकारी के मुताबिक सैम पित्रोदा ने पांच हजार प्रवासियों को राहुल का भाषण सुनने के लिए तैयार किया है। यह कोई मामूली बात नहीं है। अभी तक सभी प्रवासी मोदी को ही सुनते रहे हैं। मोदी के प्रति उनकी आस्था ज्यादा रही है।
ऐसे में अगर पांच हजार प्रवासी ही सैम पित्रोदा के साथ खड़े हैं तो इसे कमतर नहीं माना जा सकता है।
बता दें कि अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के बीच बीजेपी और संघ की पकड़ मजबूत है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि राहुल के भाषण के दौरान अगर पांच हजार प्रवासी मोदी -मोदी के नारे लगाने लगे तब क्या होगा ? इसकी संभावना ज्यादा है। बीजेपी और संघ के लोग इसकी भी तैयारी कर रहे हैं। और ऐसा नहीं हुआ तो राहुल की बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। इसका असर घरेलु राजनीति पर भी पडेगा। कहा जा रहा है कि अगर प्रवासी भारतीयों के इरादे बदलते हैं तो इसका बड़ा आगामी चुनाव पर भी पड़ेगा। बीजेपी को यही डर सता रहा है।