उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में छुट्टा पशुओं से परेशान होकर किसानों की हालत खराब हो रही थी। इसको देखते हुए यूपी सरकार ने गो आश्रय स्थल बनाने का काम किया है। जहां पर गोवंश को रहने एवं खाने पीने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सरकार बकायदा पैसा भी रिलीज करती है, पर वाराणसी के सातों महुआवा खजौही स्थित गौशालाओं में गोवंश का बत्तर स्थिति देखने को मिली है ।
इस दौरान मृत्यु गोवंश के साथ सीरियस केस में बीमार पशुओं को भी रखा जा रहा है जिसके बाद मीडिया टीम के पहुंचने से गौशाला में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वहां उपस्थित कर्मचारियों ने किसी तरह जीवित गोवंश को बाहर निकाला। मीडिया से बात करते हुए गौशाला के देखरेख करने वाले ने बताया कि पत्रकार के आने के डर से कर्मचारियों द्वारा मृतक गोवंश ओं में सीरियस बीमार गोवंश को डर के मारे रख दिया गया था।
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लेकिन गांव के ही अमित पांडे ने बताया कि कई बार से गौशालाओं में गड़बड़ी की सूचना मिल रही थी। जिसके बाद यहां पहुंचा गया तो साफ सफाई की व्यवस्था सही मिली पर मृतक गोवंश ओं के साथ सीरियस बीमार पड़े गोवंश को उसी के ऊपर रखा गया था। जिससे पड़ रहा है कि कर्मचारी गोवंश को लेकर कितना सीरियस है और इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा की हालत इसकी क्यों खराब हो रही है ।