नई दिल्ली: आज कल लोग बिजली के आने- जाने की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है, कोयले की कमी के कारण देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे है. जिसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे तमाम राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे है. एक तो बढ़ती गर्मी दूसरा बिजली का ये रवैया लोगों को सरकार पर गुस्सा होने पर मजबूर कर रहा है. इसी बीच बिजली का संकट राजधानी दिल्ली में भी दिखाई पढ़ रहा है. कोयले की कमी के कारण दिल्ली में बिजली का संकट मंडराता दिखाई दे रहा है.
कोयले की किल्लत
कोयले की कमी के चलते दिल्ली सरकार ने मेट्रो, अस्पताल और कई जरूरी प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है. सरकार का कहना है कि इस हालात में ज्यादा समय तक बिजली सप्लाई करना मुमकिन नहीं है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों में बिजली कटौती का दौर शुरू भी होने लगी है. और धीरे- धीरे ये समस्या बढ़ती ही जायेगी.
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ऊर्जा मंत्री ने की आपतकालीन बैठक
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बिजली के संकट को देखते हुए आपातकालीन संकट पर बैठक की. जिसमें उन्होंने संकट का आकलन किया और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त कोयले मुहैया कराये नहीं तो संकट बढ़ता जायेगा जिससे जनता को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
मेट्रो पर खासा पड़ेगा असर
दिल्ली के पावर स्टेशन पर एक- दो दिन का ही कोयला बचा है. उर्जा मंत्री ने चिट्ठी में लिखा कि, NTPC दादरी-2 और ऊंचाहार पावर स्टेशन में 1-2 दिन का ही कोयला बचा है. जो जल्द ही खत्म होने की कागार पर है. बिजली की आपूर्ति के कारण राजधानी को सबसे ज्यादा 728 मेगावाट की आपूर्ति दादरी-2 पावर स्टेशन से मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली मिलती है. लेकिन कोयले की कमी के कारण मेट्रो के पावर में भी किल्लत आयेगी, जिससे मेट्रो चल पाना मुश्किल हो जायेगा.