बॉर्डर पर हिंदुस्तान ‘प्रचंड’ (Prachand) से करेगा प्रहार, चीन-पाकिस्तान (China-Pakistan) की हो गई हालत खराब!
Prachand Helicopter News Hindi! जैसा नाम है…वैसा ही काम है। ये प्रचंड है, सिर्फ नाम का नहीं बल्कि काम का भी और इसीलिए चीन-पाकिस्तान ( China-Pakistan) में खलबली मच गई है। पाकिस्तान और चीन चैन की नींद सो भी नहीं पा रहे हैं। क्योंकि वहां पर प्रचंड (Prachand) का खौफ है। दुश्मनों को पता है हिंदुस्तान के पास अब प्रचंड (Prachand) आ चुका है। दुश्मनों को ये भी खौफ है कि जब हिंदुस्तान का ‘प्रचंड’ प्रचंड तरीके से वार करेगा तो नामों निशान मिट जाएगा।
दरअसल आपको बता दें कि भारतीय सेना 156 नए लाइट कॉम्बेट चॉपर ‘प्रचंड’ खरीदने जा रही है। इनमें से आर्मी (Army) को 90 और एयरफोर्स (Airforce) को 66 हेलिकॉप्टर्स (Helicopters) मिलेंगे। अगर हाल फिलहाल की बात की जाए तो अभी सेना के पास 15 प्रचंड हेलिकॉप्टर (Prachand Helicopters) हैं। जो पिछले 15 महीनों में ही शामिल किए गए हैं। प्रचंड (Prachand) अपने आप में बेहद ताकतवर है, जब प्रचंड आसमान में गरजेगा तो दुश्मन की पेंट भी गीली हो जाएगी।
चुनौतियों में होता है परीक्षण
आपको बता दें कि ‘प्रचंड’ हेलिकॉप्टर्स का दुनिया के सबसे खराब मौसम और चुनौतियों से भरे इलाकों में परीक्षण किया गया था। अपनी परीक्षाओं में पास होने के बाद सेना ने इसपर भरोसा जताया। सभी 156 चॉपर्स सियाचिन ग्लेशियर से लेकर LoC के इलाकों में तैनात होंगे । इसका मतलब ये हुआ कि प्रचंड हेलिकॉप्टर्स की तैनाती भारत से सटे चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर होगी ।
5 हजार मीटर की ऊंचाई से अटैक
प्रचंड हेलिकॉप्टर्स की सबसे बड़ी खासियत है कि ये दुनिया का एकमात्र ऐसा अटैक हेलिकॉप्टर है जो 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ भी सकता है और लैंड भी कर सकता है., यानी चीन की सीमा से लगे सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए..ये सबसे उपयोगी अटैक हेलिकॉप्टर हो सकता है। यही वजह है कि सेना जल्द से जल्द इसे अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है।
ये हेलिकॉप्टर पूरी तरीके से स्वदेशी है।इसका एक-एक पुर्जा भारत में बनाया गया है। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड इसे बना रही है। सेना की जरूरतों के हिसाब से प्रचंड को रेगिस्तान और पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन्स के लिए तैयार किया गया है। प्रचंड हेलिकॉप्टर हवा से जमीन और हवा से हवा पर हमला करने वाली मिसाइल भी दाग सकता है । यानी दुश्मन का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम हो…वो प्रचंड के अटैक से बच नहीं पाएगा । इसके अलावा..प्रचंड में नया ध्रुवास्त्र मिसाइल भी फिट हो सकता है…
बीते कुछ समय से भारतीय वायुसेना ऐसे लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट्स पर जोर दे रही है। खासतौर पर स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स सेना की पहली पसंद होती है। हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए लगभग 100 और हल्के लड़ाकू विमान बनाने पर जोर दिया था।भारतीय सेना धीरे-धीरे भारी लड़ाकू विमानों को हटा रही है और उसकी जगह लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट्स रख रही है। आने वाले समय में 300 से ज्यादा प्रचंड हेलिकॉप्टर्स सर्विस में आने की उम्मीद हैं।भविष्य में भारत सरकार इन लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स को ग्लोबल मार्केट में भी रखेगी। सूत्रों के मुताबिक वायुसेना ने हेलिकॉप्टर्स की खरीदी के लिए सरकार को प्रपोजल दे दिया है. अप्रूवल मिलने के बाद भारत में प्रचंड युग का आरंभ हो जाएगा ।