UP Bijnor News: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी अधिक फीस वृद्धि को लेकर डीएम नाराज
Private schools' arbitrariness will not be tolerated, DM is angry over excessive fee hike
UP Bijnor News: जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए कि जिन स्कूलों द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षा शुल्क में वृद्वि की गई है, उन्हें नोटिस जारी करें।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इसी के साथ यह भी सुनिश्चित करें कि फीस वृद्वि के साथ ही अध्यापकों के वेतन में भी वृद्वि होनी चाहिए।उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूल में बढ़ी फीस पर जिन अभिभावकों-छात्रों को आपत्ति हो तो संबंधित प्रधानाचार्य को पत्र लिख कर अपना पक्ष प्रस्तुत करें,और यदि उनके द्वारा 15 दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की जाती है,तो जिला विद्यालय निरीक्षक के विभाग की ईमेल आईडी इपरदवतकपवे-हउंपसण्बवउ पर उसकी सूचना उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी श्री अग्रवाल आज कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जिला शुल्क नियामक समिति तथा संस्कृत विद्यालयों-महा विद्यालयों में संस्कृति पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए छात्र वृत्ति योजना के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दे रहे थे।उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं को सूचित करने के लिए नोटिस बोर्ड पर चस्पां करते हुए उसकी सूचना निर्धारित पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने विभागीय अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन स्कूलों द्वारा फीस वृद्वि की सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है,उनसे तत्काल सूचना प्राप्त करें और जिनकी सूचना प्राप्त हो चुकी है,उसे पोर्टल पर अपलोड कराते हुए अद्यतन करें।उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों में मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा शासन के निर्देशों की अवहेलना करने पर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने कहा कि अभिभावकों की तरफ से बिना सूचित किए फीस वृद्धि की शिकायत प्राप्त होती है तो नियमानुसार संबंधित विद्यालय संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने बताया कि शासन द्वारा संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत प्रथम से कक्षा छःएवं सात के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा आठ के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है।इसके साथ ही पूर्व मध्यमा (कक्षा नौ व 10) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 व आचार्य के लिए 250 रुपये प्रतिमाह की दर से दिए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों की पृष्ठभूमि से होते हैं,इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रथमा कक्षा छह और सात और आठ के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है।छह और सात के बच्चों को पहले छात्रवृत्ति दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी,लेकिन अब सरकार ने उन्हें भी छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है।उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए कि छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्र-छात्राओं का मानक के अनुरूप सत्यापन करना और उन्हें लाभान्वित करना सुनिश्चित करें।इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण यादव, वरिष्ठ कोषाधिकारी विजय शंकर तिवारी सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।