निर्माता प्रेमजी ने बताया 14 अक्टूबर 1975 को इस फ़िल्म को बनाया गया था हेमा मालिनी को मीरा का रोल दिया था उन्होंने शूटिंग की तारीख़ें भी तुरंत निकालकर दे दीं थी जिसके मुहूर्त के बाद हेमा मालिनी के दृश्यों की शूटिंग शुरू कर दी थी अभिनेत्री हेमा मालिनी (hema malini)उस समय की सबसे बड़ी स्टार थीं, उस समय उनकी फ़ीस भी सबसे ज्यादा थी
लेकिन अभी मीरा के पति के रोल की कास्टिंग बाक़ी थी मीरा के पति की खोज करने में प्रेम जी और गुलज़ार को कई मुश्किलों का सामना करना पडा, कोई ऐसी जगह नही थी जहां मीरा के वर की तलाश नहीं की गई हो इतनी मुश्किलों के बाद अमिताभ बच्चन(amitabh bachchan) फिल्म में मीरा के पति बनने के लिए मान गए
लेकिन साल 1975 मे अभिनेता अमिताभ बच्चन ज़ंजीर, शोले, दीवार, ज़मीर, चुपके चुपके, जैसी फिल्मो में सफलता पाने के बाद उनके पास टाइम ही नहीं रहा. इसलिए अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बाद में मीरा फिल्म में अभिनय करने से मना कर दिया था
अब मीरा के लिए वर की तलाश फिर से शुरू हो गई, मगर इस खोज में भी कई महीने लग गए. जब कई महीनों बाद भी कोई स्टार नहीं मिल पाया तो सोचा कि क्यों ना किसी नए अभिनेता को मीरा के पति राजा भोजराज सिसोदिया का किरदार दिया जाए. लेकिन निर्माता प्रेम जी( prem ji) को ये सुझाव बिल्कुल उचित नहीं लगा.
ये भी पढ़े… UP politics: आजम खां के सियासी किले ‘स्वार’ में आखिरी की ठोंकने को आतुर भाजपा !
नए कलाकार को लेकर फ़िल्म को बेचना मुश्किल हो जाएगा, तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया और फैसला किया इस रोल को करेगा तो एक स्टार ही. फिर सब तेजी से मीरा के वर की तलाश में जुट गए. फ़िल्म मुहूर्त के लगभग 2 साल बाद जनवरी 1978 में आख़िरकार मीरा का वर मिल गया और ये वर था विनोद खन्ना!
साल 1975 में जो फ़िल्म की शुटिंग शुरू की गई थी , फिल्म 25 मई 1979 को रिलीज़ हुई. लेकिन तब तक इसके निर्माण में जितना धन खर्च हो चुका था, उस धन की वापसी की आस में सब थे, परंतु तुषारापात हो गया जब ये फ़िल्म असफल रही.