Delhi News Today: दिल्ली एम्स में रेफरल पोर्टल लॉन्च, दूसरे राज्यों के मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे बेड, नड्डा ने किया अनावरण
इंटर एम्स रेफरल पोर्टल को दिल्ली एम्स ने विकसित किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत में यह एम्स नई दिल्ली और एम्स बिलासपुर को जोड़ेगा। धीरे-धीरे इसे देश के दूसरे एम्स से भी जोड़ा जाएगा। इसके शुरू होने के बाद एम्स नेटवर्क में तकनीकी समाधानों की मदद से मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।
Delhi News Today: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल का अनावरण किया, जो पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा समन्वय के एक नए युग की शुरुआत करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली एम्स द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल के शुभारंभ की घोषणा की। यह परियोजना एम्स नेटवर्क के भीतर तकनीकी समाधान पेश करके पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन और रोगी रेफरल प्रणाली में क्रांति लाने के लिए तैयार है।
दरअसल, दूसरे राज्यों से दिल्ली एम्स में आने वाले मरीजों के लिए पहले से ही बेड आरक्षित कर दिए जाएंगे। डॉक्टरों को भी मरीज के बारे में पूरी जानकारी पहले से होगी।
जेपी नड्डा ने पोर्टल का किया अनावरण
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल सुविधा का अनावरण किया। इसकी मदद से अब देश के दूसरे राज्यों के एम्स में भर्ती मरीज को दिल्ली भेजने से पहले पूरी व्यवस्था की जाएगी। जरूरत पड़ने पर दिल्ली एम्स से भी मरीज को दूसरे राज्यों के एम्स में भेजा जा सकेगा।
मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
दिल्ली एम्स द्वारा इंटर एम्स रेफरल पोर्टल विकसित किया गया है। इसके शुरू होने के बाद एम्स नेटवर्क के भीतर तकनीकी समाधानों की मदद से मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। खास तौर पर गंभीर मरीजों को उचित इलाज मिल सकेगा। एम्स के मुताबिक, पोर्टल की मदद से मरीजों की देखभाल को कस्टमाइज करने और एम्स संस्थानों के बीच समन्वय बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इस रेफरल प्रोजेक्ट में सहज, सुरक्षित और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम और ऑटोमैटिक वर्क फ्लो समेत हाईटेक तकनीक को शामिल किया गया है।
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पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया शुरू
पोर्टल को प्रतीक्षा समय को कम करने, मैनुअल अंतराल को कम करने और अधिक रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा अनुभव बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होने वाला यह शुरुआती तौर पर एम्स नई दिल्ली और एम्स बिलासपुर को जोड़ेगा। धीरे-धीरे इसे देश के अन्य एम्स से भी जोड़ा जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कमियों का पता लगाया जाएगा।
यह प्रणाली रोगी के साथ आने वाले परिचारकों की सुविधा के लिए एम्स में विश्राम गृह के आवंटन के लिए मौजूदा ऑनलाइन पोर्टल के साथ एकीकृत की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि रोगियों को न केवल विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा मिले, बल्कि घर से दूर रहने के दौरान भी आरामदायक और सुविधाजनक प्रवास मिले।
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अस्पतालों को जोड़ने की तैयारी
एम्स इंटर एम्स रेफरल सिस्टम के तहत दिल्ली के अस्पतालों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। एम्स मान रहा है कि अब तक आ रही दिक्कतों का समाधान हो जाएगा। एम्स की इमरजेंसी में हर रोज 800 से ज्यादा मरीज आते हैं। जबकि एम्स में सिर्फ 50 बेड ही उपलब्ध हैं। ऐसे में सभी मरीजों को भर्ती होने का मौका नहीं मिल पाता है। इनमें से ज्यादातर मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें इलाज के बाद निगरानी में रखने की जरूरत होती है। ऐसे में कम गंभीर मरीजों का इलाज दिल्ली के सामान्य अस्पताल में भी हो सकता है, लेकिन फिलहाल सुविधाएं न होने की वजह से मरीज भटकते रहते हैं।
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