Sanatan Dharma: अब संभव है कि सनातन के झगड़े रुक जाए। इंडिया गठबंधन वालों ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन को चेताया है कि सनातन पर हमले को रोका जाय। बीजेपी इसे उत्तर भारत में भुना रही है और उत्तर भारत में बीजेपी को एक बढ़िया दाव मिल सकता है। इंडिया गठबंधन वालों ने स्टालिन को यह भी कहा है कि बीजेपी धार्मिक खेल को ज्यादा भुनाती है उसे इसका बेहतर अनुभव भी है। वह हर चीज में धर्म और राष्ट्र को खोज लेती है। इसलिए आगे कुछ भी बोलने से पहले देश की राजनीति और लोगों की आस्था का ख्याल रखने की जरूरत है। दक्षिण भारत में भले ही सनातनी खेल का असर कम पड़े लेकिन उत्तर भारत में इस खेल के जरिए बीजेपी बहुत कुछ करती रही है और आगे भी कर सकती है।
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इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में यह बात भी तय हुई है कि अभी कोई भी ऐसे मुद्दे को नहीं उठाने की जरूरत है जिसे बीजेपी लपक ले और उस पर ध्रुवीकरण का खेल हो जाए। इंडिया गठबंधन ने सीएम स्टालिन को साफ तौर पर कह दिया है कि वे अपने बेटे के बोल पर लगाम लगाए और अपने अन्य नेताओं को भी निर्देश दें कि सनातन को लेकर कोई टिप्पणी न करें। दरअसल स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों सनातन पर टिप्पणी की थी और उसके बाद राजनीतिक बवाल शुरू हो गया। इसके बाद पार्टी के दूसरे नेता ए राजा ने भी टिप्पणी कर दी। उसके बाद अभिनेता प्रकाश राज का बयान आ गया। फिर क्या था। बीजेपी और संघ समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने इसे लोगों के बीच पहुंचाने की शुरुआत कर दी और यह कहा जाने लगा कि इंडिया वाले सनातन विरोधी है और सनातन को खत्म करना चाहते हैं।
कल प्रधानमंत्री मोदी ने भी मध्यप्रदेश के बीना में भी एक सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर बड़ा हमला करते हुए सनातन विरोधी कहा और सनातन को खत्म करने का आरोप भी विपक्ष पर लगा दिया।
इसमें कोई शक नहीं कि पीएम मोदी आज भी देश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं और अभी उनके मुकाबले विपक्ष का कोई भी नेता नहीं टिक पा रहा है l लेकिन यह भी सच है कि पीएम मोदी का इकबाल अब पहले वाला भी नहीं रहा। उनके प्रति अब लोगों में अविश्वास की भावना भी बढ़ी है और बढ़ती ही जा रही है। देश के बहुत से युवा जिन्होंने पिछले चुनाव में मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट दिया था, अब उनका मोदी के प्रति मोह भंग हुआ है। इनके मन में बीजेपी सरकार के खिलाफ शक की गुंजाइश बैठ गई है। युवा अब यह कहने लगे हैं कि एक तरफ देश को आगे बढ़ाने को बात हो रही है और दूसरी तरफ सनातन और धर्म की लड़ाई चल रही है। विचित्र बात तो यह है कि सनातनी के खिलाफ दूसरे सनातनी खड़े दिख हैं। इसमें कौन असली है और कौन नकली इसका परीक्षण कौन कर सकता है। सब आसपास में ही लड़ रहे हैं।
देश के लोगों के बीच अडानी और चीन को लेकर भी सरकार पर शक बढ़ा है। देश की एक बड़ी आबादी अब यह समझने लगी है कि अडानी के मामले में सरकार ने कोई खेल किया है और सरकार उसे बचा भी रही है। लोगों को यह भी लग गया है कि चीन को लेकर भी सरकार का जो रवैया है वह भी ठीक नहीं है। लोग समझ रहे है चीन पर सरकार झूठ बोल रही है और चूंकि बहुमत में सरकार है इसलिए यह सरकार चलती दिख रही है। अगर बहुमत में यह सरकार नहीं होती तो यह खत्म हो गई होती।
उधर विपक्ष अब सनातनी खेल को ही खत्म करने को तैयार है। कोशिश यह की जा रही है कि सनातन और धर्म को लेकर कोई चर्चा की ही न को जाए। यही वजह है कि राजद नेता पिछले कुछ दिनों से लगातार मंदिर में घूम रहे है ताकि लोगों को यह भी पता चले कि बीजेपी से ज्यादा सनातनी दूसरे दल वाले भी है लेकिन वे हल्ला नहीं करते ।