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Pakistan: पाकिस्तानकी भुखमरी पर संघ का बड़ा बयान,कहा पडोसी देश है,भारत 10 -20 टन गेहूंभेज सकता है

पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर संघ का बड़ा बयान सामने आया है। एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संघ के सह सरकार्यवाहक डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा है कि 70 साल पहले पाकिस्तान हमारे साथ ही था लेकिन अब वह भुखमरी का  शिकार है। भारत को अपने पडोसी धर्म का पालन करना चाहिए और भुखमरी  शिकार पाकिस्तान को 10 -20 टन गेहूं भेज देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमें दुःख होता है कि पाकिस्तान आज किस हालत में पहुँच गया है। भारत आज भी पाकिस्तान को 25 -50 लाख टन गेहूं पाकिस्तान को दे सकता है लेकिन वह मांगता ही नहीं। वहाँ आटा 250 रुपये किलो बिक रहा है। बता दें कि संघ के नेता गोपाल कृष्ण फिल्म  प्रोडूसर इकबाल दुर्रानी के के एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। 

गोपाल कृष्ण ने और भी कई बाते कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमसे बार -बार लड़ता है लेकिन हम चाहते हैं कि वह खुश रहे। वह हमसे चार बार युद्ध कर चुका है। हर बार वही हम पर हमला भी करता है। हमें अपमानित भी करता है। हारता भी है लेकिन हम चाहते हैं कि वह खुश रहे। गोपाल कृष्ण ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच इस दुरी का क्या लाभ ?हम तो चाहते है कि उनके यहां कोई कुत्ता भी भूखा नहीं रहे। भारत तो सर्वे भवन्तु सुखिन में यकीन रखता  है। पाकिस्तान हमसे मांग नहीं रहा है लेकिन भारत को गेहूं भेज देना चाहिए। भारत की धरती पर कोई भी व्यक्ति  सर्वे भवन्तु के बिना अधूरा है।

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उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा है कि पाकिस्तान अपनी मुश्किलों के लिए खुद जिम्मेदार है। जब कोई भी देश आतंक का उद्योग चलाएगा तो इसकी हालत ऐसी ही होती है। आतंक किसी को नहीं छोड़ता। जहां तक मदद करने की बात है इसके लिए हम भारत के लोगों के बारे में सोचेंगे कि यहां के लोग क्या चाहते हैं। 

जयशंकर एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में बोलते हुए कहा कि कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता जिसकी बुनियाद ही टेरेरिज्म पर खड़ी हो। एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि असली मुद्दा आतंकवाद का है। भारत और पाकिस्तान में यही सबसे बड़ा अड़ंगा है। भारत इस मसले को नजरअंदाज नहीं कर सकता। अगर पाकिस्तान में आतंकवाद इसी तरह से चलते रहे तो और भी परेशानी होगी। जहां तक मदद का सवाल है अगर भारत के लोग ऐसा सोंचते हैं तो इस पर गौर किया जा सकता है लेकिन भारत के लोग क्या सोंचते हैं आप सभी को पता है।

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