शाही पंचकुइया कब्रिस्तानः कब्रों के पास बसी अवैध बस्ती, 100 परिवारों के बने हैं घर, प्रशासन ने भेजे नोटिस
कब्रिस्तान कमेटी के सचिव मोहम्मद जहीरुद्दीन बाबर सैफी का कहना है कि पुराने जमाने में कुछ लोगो को कब्र खोदने के लिए रखा गया था। इसलिए इन लोगो को कब्रिस्तान में ही रहने की इजाजत दी गई थी ताकि कब्रें खोदने के लिए परेशानी न हो। लेकिन इनके पूर्वजों ने झूठे दस्तावेज के आधार पर खतौनी पर कब्रिस्तान की जगह अपने नाम चढ़ा ली थी।
आगरा। शाही पंचकुइया कब्रिस्तान में कब्रों के पास एक अवैध बस्ती बसा ली गयी है। यहां 100 परिवारों ने बनाये अपने आशियाने बना रखे हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस की शिकायत पर जांच पड़ताल शुरु की गयी है। जिला प्रशासन ने अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी करके तीन दिन का समय जमीन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बता दें कि बीते दिनों आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की थी कि पंचकुइयां कब्रिस्तान के अंदर कुछ लोगों ने अपने घर बना रखे हैं। इस शिकायत की अधिकारियों ने कब्रिस्तान पहुंच कर जांच की।
जांच में कब्रिस्तान के अंदर लगभग 100 परिवार रहते पाये गये। इस कब्रिस्तान की बस्ती के अधिकतर मकान कच्चे हैं, लेकिन कुछ मकान पक्के भी हैं। इन पर लाइट के लिए टोरेंट पवार के द्वारा मीटर भी लगा दिए गए हैं।
यहां रह रहे लोगों के पास न तो आधार कार्ड है और न ही सरकार द्वारा जारी किया गया कोई भी प्रमाण पत्र। प्रशासन ने तीन दिन के अंदर सभी लोग अपने दस्तावेज उपलब्ध कराने का कहा है। इन लोगो के घरों पर प्रशासन द्वारा नोटिस भी चस्पा कर दिए हैं। जिनके लोगों के पास दस्तावेज नहीं होंगे, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
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शाही पंचकुइया कब्रिस्तान कमेटी के सचिव मोहम्मद जहीरुद्दीन बाबर सैफी का कहना है कि पुराने जमाने में कुछ लोगो को कब्र खोदने के लिए रखा गया था। इसलिए इन लोगो को कब्रिस्तान में ही रहने की इजाजत दी गई थी ताकि कब्रें खोदने के लिए परेशानी न हो। लेकिन इनके पूर्वजों ने झूठे दस्तावेज के आधार पर खतौनी पर कब्रिस्तान की जगह अपने नाम चढ़ा ली थी।
लोगो का कब्रिस्तान कमेटी से मुकदमा भी चला था। ये लोग मुकदमा हार गए थे। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार की गई थी जिसमें साफ कहा गया था कि जिस जगह पर घर बने हैं, वह जगह वक्फ की है। ये सभी लोग वहां अवैध तरीके से रह रहे हैं। कमेटी कई बार कब्रिस्तान की जमीन को कब्जा मुक्त कराने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी।
एसीएम पंचम का कहना है कि इस मामले की व्यापक रूप से जांच की जा रही हैं। कई लोग कब्रिस्तान के अंदर झुग्गी झोपड़ी बना कर रह रहे हैं। कई लोगों ने पक्के मकान बना लिए हैं। जो लोग वहां रह रहे है, वे आगरा के नहीं हैं। इनके खिलाफ जल्द ही वक्फ अधिनियम के अंतर्गत करवाई की जाएगी।