Wrestler Protest: यौन शोषण के आरोपी बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Singh) आज मीडिया के सामने खुलकर बोले । कई दिनों की भड़ास उन्होंने निकाली ।उन्होंने खिलाड़ियों पर भी सवाल उठाए और कांग्रेस को भी लपेटा । उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि जब मुझपर एफआईआर दर्ज हो गया तब भी खिलाड़ी धरने पर बैठे हैं ।आज प्रियंका गांधी खिलाड़ियों से मिलने भी पहुंच गई ।इससे साफ है कि कांग्रेस (Congress) सांसद दीपेंद्र हुड्डा द्वारा यह सारा खेल रचा गया है ।बृजभूषण शरण ने यह भी कहा कि हमे सुप्रीम कोर्ट पर यकीन है और हर जांच का सामना करने को भी तैयार हूं ।
बृजभूषण के इन बयानों को मीडिया में खूब जगह दी गई ।ऐसे में सवाल है कि क्या बृजभूषण शरण की बातों पर यकीन किया जा सकता है कि वे निर्दोष है और उन्हें क्या वाकई फसाया गया है ? याद रहे अगर कोई सच्चा है तो उसे कोई फंसा नहीं सकता ।हो सकता है कि न्याय पाने में देरी हो जाए लेकिन कोई भी निर्दोष कभी दोषी साबित नही हो सकता ।अगर बीजेपी सांसद को ऐसा लग रहा है कि वे निर्दोष हैं तो उन्हें फिर डरने की कोई जरूरत नहीं है ।और बा इज्जत इस खेल से आगे निकल जायेंगे ।लेकिन क्या ऐसा है ?
बृजभूषण शरण सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है ।इनके ऊपर 32 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं ।इन पर 302 के मामले भी दर्ज हैं । संभव है ये मामले भी उन्हें फसाने के लिए ही दर्ज किए गए हों । तो इनको किस ने फसाकर इतने मामले दर्ज कराए हैं ? कोई जवाब हैं इनके पास ? सच तो यही है कि जिन महिला खिलाड़ियों ने इन पर आरोप लगाए हैं वे कोई मामूली लड़कियां नहीं है ।इनकी भी अपनी पहचान है और अपनी इज्जत भी ।कोई भी महिला समूह में जाकर इतना बड़ा खेल नही कर सकती ।इससे इन महिलाओं को आखिर लाभ क्या होगा ? सच तो यही है कि अब इन महिलाओं का खेल करियर भी बाधित होगा ।क्या कोई भी इंसान अपने करियर के साथ खेल कर सकता है ?
बृजभूषण शरण कह रहे हैं कि वे कोई अपराधी नहीं है ।वे अपराधी बनकर इस्तीफा देना भी नही चाहते। जहां तक कुश्ती महा संघ से हटने को बात है कुछ महीने बाद मेरा टर्म ऐसे ही खत्म हो जायेगा। वे खुद हट जाएंगे और बीजेपी सांसद से वे इस्तीफा नही देंगे। उन्होंने कहा कि विनेश फोगट ने इन्हे सांसद नही बनाया है। जनता ने उन्हे चुना है। जनता कहेगी तो वे इस्तीफा दे सकते हैं। कह सकते हैं कि सांसद महोदय का यह बचकाना तर्क है। वे किस पद पर कब तक बने रहेंगे इसका निर्णय अब वे खुद नही कर सकते ।केस दर्ज के बाद उनके साथ जांच समिति क्या कुछ करती है इस पर निर्भर करेगा कि वे पद पर रहेंगे या नहीं।सांसद ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं करना भी चाहिए। लेकिन जिस दिन दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने डांट लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की बात कही थी उस दिन अगर सांसद महोदय खुद ही एफआईआर दर्ज कराने को तैयार हो जाते तो कहा जाता कि वे साफ दिल के हैं और निर्दोष भी ।लेकिन इन्होंने ऐसा कुछ भी नही किया।
सच यही है कि बृजभूषण शरण की परेशानी अब बढ़ रही है और सासंद की परेशानी बढ़ेगी तो बीजेपी की मुश्किलें भी बढ़ेगी।आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी चुनौती बीजेपी को जीतना है। बृजभूषण सिंह गोंडा समेत कई इलाकों को अपनी राजनीति से प्रभावित करते रहे हैं। कहा जाता है कि अपने इलाके के दर्जन भर से ज्यादा विधायको को जिताने और हराने में इनकी भूमिका अहम रही है। ऐसे में अब जब उन पर दो संगीन मामले जब दर्ज हो गए है तब यही का जा सकता हैं कि अब इनकी राजनीति पर ग्रहण लग सकता है। आज वे भले ही बहुत सी बाते कह रहे हों लेकिन कानून के सामने सब नंगे हो जाते हैं । जांच होने दीजिए बहुत से खेल का खुलासा हो सकता है। खेल खुला तो बीजेपी की चीखें निकल सकती है। साफ बड़ा कड़वा होता है। चारो तरफ से घिरी बीजेपी ही अब उनसे इस्तीफा लेगी और ऐसा नही हुआ तो वे हटाए भी जा सकते हैं। बीजेपी आखिर आगे का खतरा मोल नही लेगी।