State Honor: किसे मिलता है राजकीय सम्मान, जाने क्या होती है इसे देने की प्रकिया?
नई दिल्ली: राजकीय सम्मान (State Honor) जी हां ये सम्मान पाने वाले लोग आम लोगों से जरा हटकर होते हैं। ये अपने जीने के साथ और दुनिया से जाने के बाद भी अपने काम और समाज कल्याण के लिए किए गए कामों के लिए याद किए जाते हैं। वहीं आपने राजकीय सम्मान के साथ विदाई लेते कई बड़ी हस्तियों को भी देखा होगा। वहीं कई ऐसे भी लोग रहे हैं जिन्होंने बहुत कुछ किया मगर राजकीय सम्मान से वंचित रहे। आज हम इन्हीं बातों पर रोशनी डालेंगे कि राजकीय सम्मान क्या होता है, किसको और कब दिया जाता है।
अगर हम आज से कुछ समय पीछे जाएं तो अक्सर हममें से ज्यादातर लोगों ने राजकीय सम्मान पाते हुए किसी वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य कर्मीं या फिर नेताओं को देखा होगा। लेकिन बीते कुछ सालों की बात करें तो भारत में रिवाज कुछ बदला सा नजर आ रहा है और अब फिल्म जगत से जुड़े कई लोगों को भी राजकीय सम्मान (State Honor) दिया गया है। यानी रक्षा, राजनीति और कला समेत और कई क्षेत्रों से जुड़े महान व्यक्तियों को भी ये सम्मान मिल रहा है।
आज हम कलाक्षेत्र औऱ राजकीय सम्मान पर फोकस करते हुए बात करेगें
दरअसल देखा गया है कि बीते दिनों में श्रीदेवी, दिव्या भारती, शशि कपूर, दिलीप कुमार और सुर कोकिला लता मंगेशकर जी को राजकीय सम्मान दिया गया है।
यकीनन इस सभी ने अपने क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़ा योगदान दिया है लेकिन अगर हम बात करें कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव की जिन्होंने भारत में स्टैंडअप कॉमेडी को एक मुकाम दिया। इस बात में कोई शक नहीं कि राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी के क्षेत्र को एक शिखर पर पहुंचाया है। फिर 42 दिनों तक मौत से जूझते इस कॉमेडी के बादशाह जिसे प्यार से गजोधर भईया भी कहा जाता था उन्हें राजकीय सम्मान नहीं दिया गया।
आखिर ऐसा क्यों हुआ?
दरअसल अगर हम नियम-कानून की बात करें तो केवल वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्री, वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान और पूर्व राज्यमंत्री ही राजकीय सम्मान (State Honor) के हकदार होते थें लेकिन समय के साथ रिवाज़ बदल गए हैं। हालांकि लिखित रूप से अभी कुछ नही बदला है, मात्र कार्यरूप से ही ये बदलाव आया है। अब सवाल आता है कि ये सम्मान किसको दिया जाता है और किसको नही या ये कहें कि इस तरह का अंतिम संस्कार किसको देना है और किसको नहीं। ये अधिकार सिर्फ राज्य सरकार के पास है। आगर साफ शब्दों में कहें तो इसका कोई निर्धारित दिशा-निर्देश नहीं है और यही एक मात्र कारण है कि ये सम्मान किसी को दिया जाता है और किसी को नहीं। बता दें स्वतंत्र भारत में राजकीय सम्मान के साथ पहला ‘अंतिम संस्कार’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हुआ था।
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राजकीय सम्मान की प्रक्रिया क्या है
राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के दौरान शव को तिरंगे से ढक दिया जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री अपने वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों के परामर्श के बाद ही राजकीय सम्मान देने का निर्णय लेता है। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किया जाता है। जिससे की राजकीय अंतिम संस्कार के लिए सभी व्यवस्थाएं हो सकें। दिवंगत हस्ती को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है। इसमें मिलिट्री बैंड द्वारा ‘शोक संगीत’ बजाया जाता है और इसके बाद बंदूकों की सलामी भी दी जाती है।