एमपी में मायावती की हुंकार से बढ़ी बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन !
Madhya Pradesh Election 2023: चुनाव तो ऐसे भी पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए टेंशन से ही भरा होता है। ऐसे में अगर कोई और प्रतियोगी सामने आ जाए तोई टेंशन और भी बढ़ जाता है। एमपी में एक नया टेंशन बीजेपी और कांग्रेस के सामने खड़ा हो गया है। पहले बीजेपी को लग रहा था कि उसके सामने केवल कांग्रेस ही है और मुकाबला दोनों के बीच ही होगा लेकिन अब मुकाबले में तीसरी बड़ी पार्टी भी सामने आ गई है। बसपा इस बार पूरी ताकत के साथ इस चुनाव में शिरकत कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि बसपा का जो आधार वोट है उसमे वह बेहतर करेगी।
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एमपी में विधान सभा की कुल 230 सीटें है जिनमे से 35 सीट अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है। सूबे में दलितों की आबादी करीब २२ फीसदी है और यह 35 सीटों के अलावे भी कई और सीटों पर प्रभाव डालती है। ऐसे में जिस तरह से बसपा ने 35 पर अपना ध्यान केंद्रित किया उससे साफ़ है कि इस बार की लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है। बीजेपी की परेशानी और बढ़ सकती है क्योंकि पिछले चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी को अच्छी जीत हासिल हुई थी।
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उधर कांग्रेस भी अब परेशान है। कांग्रेस को भी लग रहा है कि अगर बसपा ने पूरी टकटकी साथ चुनावी मैदान में असर दाल दिया तो खेल बिगड़ सकता है। कई सर्वे में अभी कांग्रेस एमपी में सरकार बनाती नजर आ रही है लेकिन यह तब की स्थिति है जब मुकाबला केवल बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। लेकिन अब अगर बसपा चुनावी मैदान में आती है तो खेल बिगड़ सकता है। यह खेल बीजेपी को भी परेशान कर रहा हाउ और कांग्रेस को भी।
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एमपी में बसपा का वोट बैंक काफी सा,मई से रहा है। यहाँ बसपा चुनाव जीतते भी रही है। हर चुनाव में बसपा को कुछ सीटें हाथ लगती है लेकिन हर जीत के बाद बसपा के लोग किसी न किसी पार्टी के साथ चले जाते हैं। लेकिन इस बार अगर बसपाआ आरक्षित सीटों पर ही नजर रखती है तो उसे कामयाबी ज्यादा मिल सकती है। और बसपा अगर दस से पंद्रह सीटों पर भी खेल बिगाड़ने का मादा रखती है तो चुनावी परिणाम कुछ भी आ सकते हैं।