इतिहास के पन्नों में दर्ज की जाएगी 22 जनवरी की तारीख, जानिए BJP को कितना होगा फायदा?
Ram Mandir News: हिन्दुस्तान के लोगों को था, आखिरकार वो शुभ घड़ी आई। 22 जनवरी 2024 की तारीख वो तारीख है, जो हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है। ये वो तारीख है, जो 2024 को बेहद खास और अहम बना चुकी है। ये तारीख वो तारीख भी है, जिसे बीजेपी अपने शासन में किए गए महत्तवपूर्ण कार्यों में से एक राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को स्वर्ण अक्षरों में लिखकर संजोए रखेगी।
ऐसे तो राम मंदिर का मुद्दा सदियों से अखबारों और मीडिया चैनल की सुर्खियों में बना रहा। लोगों की जुबान पर भी राम का नाम आते ही ज़हन में अयोध्या में राम मंदिर बनने की ख्वाहिश जगने लगती थी। जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासन के दूसरे कार्यकाल के आखिर में पूरा कर ही दिया और इस तरह से सत्ता में आने के साथ वादों की लिस्ट में शामिल ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ वादे पर अमलीजामा पहना दिया।
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साल 2019 में उच्च न्यायालय से राम मंदिर का फैसला हिंदू पक्ष में आया, तबसे ही राम मंदिर के निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य होने लगे। दिन रात, धूप-छांव, ठिठुरन भरी सर्दी और तपती गर्मी में भी मजदूरों ने अपनी तत्पर्ता और राम भक्ती में जर्रे भर भी कमी नहीं आने दी। जिसका नतीजा 22 जनवरी 2024 को दिव्य-भव्य बनकर तैयार सुंदर राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए। इस समारोह में दूर-दूर से जानी मानी हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। राम मंदिर परिसर में मौजूद सभी लोगों को जितनी उत्सुकता भगवान राम के विराजमान होने की थी उतनी ही पीएम मोदी के राम मंदिर परिसर में आने की भी थी।
प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब 12 बजे हल्की पीली धोती-कुर्ता पहने मंदिर आए। हाथ में थाल थी, जिसमें श्रीराम के लिए चांदी का छत्र था।12 बजकर 5 मिनट पर गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुरू हुई, जो करीब घंटेभर चली। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, मोहन भागवत, सीएम योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल रहीं.. पीएम मोदी ने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया, फिर राम के चरणों में कमल रखकर परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया। इससे पहले मोदी ने मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए। संतों ने उन्हें उपहार स्वरूप सोने की अंगूठी भी भेंट की। प्राण प्रतिष्ठा के बाद आभूषणों से लक दक सजे बाल राम की मनोहारी तस्वीर सामने आई जिसे देखकर हर कोई मूर्तिकार अरुण योगीराज की कलाकारी का कायल हो गया।
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प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में मौजूद लोगों के सामने 11 दिन का व्रत तोड़ा। उसके बाद उन्होंने करीब 35 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने 114 बार राम का नाम लिया। सियावर रामचंद्र की जय! से पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया।
तो 500 सालों का इंतजार खत्म हुआ 2019 में आए फैसले के बाद 2024 में प्रभु श्रीराम, राम मंदिर में विराजमान हुए। लेकिन इन 6 वर्षों के दौरान राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीतिक उठापटक होती रही। राम इसके, राम उसके, राम किसके जैसे बयान भी सियासी फिजाओं में तैरती रही। लेकिन बीजेपी इन सबके सवालों के जवाब में राम सिर्फ हमारे कहकर आस्था और धर्म को राजनीति में एंट्री दिलाने के साथ ही श्रीराम को अपनी पार्टी का बनाने का काम कर दिया और इस तरह से राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में बीजेपी ही बीजेपी दिखाई दी। सड़कों पर लग रहे नारों में भी जय श्रीराम के साथ-साथ, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के जयकारे भी सुनाई देते रहें।