नई दिल्ली: अब तक घर से भागे प्रेमी-युगल की उनके परिजनों की सहमति से पुलिस द्वारा शादी कराये जाने की मामले तो अक्सर सामने आते रहते हैं, लेकिन किसी दरोगा को अपनी प्रेमिका से थाने में ही विवाह करने के लिए मजबूर होना पड़ा, यह बिहार में संभवत: पहला मामला है। ये बात अलग है कि शादी के दौरान दारोगा अथवा उसकी प्रेमिका के परिवार का कोई सदस्य मौजूद न होकर केवल दारोगा के सहकर्मी ही मौजूद रहे।
यह मामला बिहार प्रांत के सिवान का है। दरअसल पटना के फातुहा के रहने वाले राहुल भारती का पिछले तीन साल से गया जनपद के शंकर विगाह की रहने वाली तब्बू कुमारी से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन तब्बू कुमारी के परिवार वाले उसकी शादी राहुल से न करके किसी दूसरे युवक के साथ करने पर दबाब डाल रहे थे।
और पढ़े- कोविड का टीका लगवाने के लिए अब नहीं होगी जोर-जबरदस्ती, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
राहुल भारती सिवान के थाना महाराजगंज में प्रशिक्षु दारोगा के रुप में तैनात है। दो दिन पहले दारोगा की प्रेमिका तब्बू परिजनों के दूसरे युवक के साथ शादी करने का दबाब डालने पर चुपके से घर छोड़कर राहुल भारती की तैनाती वाले थाने जा पहुंची। थोड़ी देर तक सोच विचार करने के बाद दोनों ने तुरंत ही शादी करने का फैसला ले लिया।
इसके लिए न तो कोई शुभ मुर्हुत देखा गया और न ही शुभ घड़ी। दारोगा राहुल भारती और तब्बू ने बिना समय गंवाये वर-वधु माला मंगवाकर थाना परिसर में बने शिव मंदिर में शादी कर ली। थाने के मंदिर के पुजारी ने विवाह के मंत्रोचार किया और बाद में वरमाला आदि की औपचारिकता पूरी की। दोनो की शादी के साक्षी और बाराती के रूप में प्रशिक्षु दारोगा राहुल भारती के सहपुलिसकर्मी रहे। थाने में दरोगा द्वारा शादी किये जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।