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मोदी की एक मुलाकात से 8 जवानों की फांसी हुई रद्द, दुनिया ने भी ठोका सलाम!

Qatar Indian Navy Officers Death Penalty News: आपको हिंदुस्तान के वो 8 जवान तो याद होंगे ही, जिनको कतर (Qatar Indian Navy Officers )में फांसी की सजा सुनाई गई थी, हर कोई ये कह रहा था कि अब जवानों का बचाना मुश्किल है।लेकिन वो लोग ये भूल गए थे कि मोदी है तो मुमकिन है। वो लोग ये भूल गए थे कि ये नया हिंदुस्तान है। जो घर में घुसकर मारने का दमखम रखता है।दरअसल आपको बता दें कि कतर में कैद 8 भारतीयों की सजा पर सुनवाई हुई। जिस पर हर किसी की नजर थी। हर कोई टकटकी लगाए बैठा था कि आखिर क्या फैसला आएग तो बता दें कि कोर्ट ने 8 भारतीयों की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है।

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लेकिन अब सवाल ये कि आखिर अब विकल्प क्या क्या है तो बता दें कि विकल्प ये है कि कतर की सर्वोच्च अदालत में सज़ा कम करवाएं, साथ ही दूसरा विकल्प ये है कि क़तर के अमीर के समक्ष परिवार माफ़ी याचिका दे। तीसरा विकल्प ये है कि जो सज़ा हो भारत में पूरी कराने की कोशिश  हो। साथ ही 2024 में रमज़ान पर आम माफ़ी की कोशिश हो।

एक मुलाकात औऱ बन गई बात?

आखिर फांसी की सजा का फैसला कैसे रद्द हुआ, बता दें कि कुछ दिन पहले पीएम मोदी( PM Modi) ने कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की थी। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।कतर की जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नेवी अधिकारियों (Qatar Indian Navy Officers )के मामले में मोदी सरकार को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है…कतर की अपीलीय अदालत ने सभी 8 नेवी वेटरन्स की फांसी के फैसले पर रोक लगाते हुए सज़ा कम कर दी है…हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कम की गई सज़ा क्या है।

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कूटनीति विशेषज्ञ फांसी की सजा माफ होने के पीछे पीएम मोदी की बेहद सधी डिप्लोमैटिक कोशिशों का बड़ा हाथ बता रहे हैं। दरअसल एक दिसंबर को दुबई में COP28 की बैठक के दौरान पीएम मोदी और कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल-थानी ने मुलाकात की थी। जिसके बाद से ही कतर ने सभी 8 कैद भारतीयों से मुलाकात के लिए कॉन्सुलर एक्सेस देकर अपने रूख में नरमी दिखानी शुरू कर दी थी।फांसी की सज़ा कम होने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर जानकारी साझा की है।.मंत्रालय ने कहा कि सभी 8 नेवी वेटरन्स को कॉन्सुलर और कानूनी सहायता मिलती रहेगी।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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