Conviction for Conversion: धर्म परिवर्तन कराने वाले मौलवी को दस साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना
मौलाना मोहम्मद जमील ने विष्णु की दो नाबालिग पुत्रियों को भी इस्लाम धर्म के मुताबिक दूसरा नाम दे दिया था । उसका 8 साल के बेटे का मदरसे में दाखिला कराया। जिसमें पिता के स्थान पर अपना नाम दर्ज करा दिया। पीड़ित ने पहले तो अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए कोतवाली व अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देता रहा। लेकिन बाद में अपने बच्चों को धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए न्याय की गुहार लगाई थी।
बलरामपुर। जिला कोर्ट ने धर्म परिवर्तन कराने वाले मौलवी को दस साल की सजा सुनायी है। इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया है। मौलवी ने महिला और चार बच्चों का धर्म परिवर्तन करवाया था ।
बलरामपुर के जिला न्यायाधीश लल्लू सिंह ने जरवा कोतवाली क्षेत्र के हलौरा गांव निवासी मौलाना मोहम्मद जमील को धर्म परिर्वतन को दोषी पाया । कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 50 हजार रुपये अर्थदंड व पीड़ित विष्णु को पांच लाख रुपये प्रतिकर देने का आदेश दिया है। मौलवी मोहम्मद जमील एक महिला व पांच बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया था।
शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि विष्णु पुत्र छोटेलाल निवासी हलौरा ने 12 जून 2022 को जरवा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि उसकी पत्नी गांव के ही जमील के यहां मजदूरी करने जाती थी। जमील ने उसकी पत्नी और उसके चार छोटे-छोटे बच्चों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा कर हिंदू से मुस्लिम बना दिया।
इतना ही नहीं मौलाना मोहम्मद जमील ने उसके दो नाबालिग पुत्रों का खतना कराकर उनका नाम बदल दिया। बच्चों के चिकित्सीय परीक्षण के बाद डॉक्टर ने अपने बयान में दोनों नाबालिग बच्चों के खतना होने की पुष्टि की थी।
मौलाना मोहम्मद जमील ने विष्णु की दो नाबालिग पुत्रियों को भी इस्लाम धर्म के मुताबिक दूसरा नाम दे दिया था । उसका 8 साल के बेटे का मदरसे में दाखिला कराया। जिसमें पिता के स्थान पर अपना नाम दर्ज करा दिया। पीड़ित ने पहले तो अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए कोतवाली व अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देता रहा। लेकिन बाद में अपने बच्चों को धर्म परिर्वतन से बचाने के लिए न्याय की गुहार लगाई थी।
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मौलाना मोहम्मद जमील ने 9 जून 2022 को इन बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया था। इस पर 12 जून 2022 को जरवा पुलिस ने मुकदमा दर्ज करवाया। इसके आरोपित समेत महिला व बच्चों बरामद कर थाना ले आई। दोनों बेटों का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया तो मेडिकल में बच्चों के धर्म परिवर्तन की पुष्टि हुई थी।
जिला एवं सत्र न्यायालय में अभियोजन की ओर से पांच गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। अभियोजन के तर्कों को स्वीकार करते हुए प्रकरण को सामूहिक धर्म परिवर्तन माना गया। जमील को धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत 10 साल का कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा मिली है। संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है, जिसमें इस अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है।