Haldwani Railway Land Issue: अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी, 10 जनवरी से चलेगा बुलडोजर !
पूर्वोत्तर रेलवे प्रबंधन इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेन्द्र सिंह का कहना है कि हल्द्वानी रेलवे भूमि (Haldwani Railway Land) खाली लिए रेलवे फोर्स भी हल्द्वानी जानी प्रारंभ हो गया है। उन्होने बताया कि रेलवे की 78 एकड भूमि के दायरे में 4365 आवासों को गिराने के लिए चिंहित किया गया है। उन्होने बताया कि हल्द्वानी आरपीएफ की 10 कंपनी भेजी जाएंगी।
हल्द्वानी। प्रशासन उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी रेलवे भूमि पर अतिक्रमण (Haldwani Railway Land Encroachment) हटाने की पूरी तैयार कर चुका है। हल्द्वानी रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा जमाकर मकान बनाकर रहने वालों को विधिवत नोटिस भेज दिये गये हैं।
हल्द्वानी वनभूलपुरा रेलवे (Haldwani Railway Land) की भूमि पर अतिक्रमण करने वाले 4365 लोगो को जारी नोटिस किये हैं। ये नोटिस पूर्वोत्तर रेलवे प्रबंधन इज्जतनगर मंडल के राज संपदा अधिकारी प्रथम ने जारी किये हैं। नोटिस में 7 जनवरी तक रेलवे की भूमि खाली करने के निर्देश दिये हैं। 10 जनवरी को भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चलाने की पूरी तैयारी है।
नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज सिंह व डीआईजी कुमायूं रेंज नीलेश आनंद आगामी कार्रवाई को लेकर सभी तैयारियों पर नजर रखे हैं। उन्होने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कराने के लिए हमारी पूरी तैयारी है। जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए पैरामिलेट्री की मांग की गयी है। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी पुलिस बल का प्रबंध किया जा रहा है।
यह भी पढेंः Bharat Jodo Yatra:राहुल गांधी को जाटलैंड में मिला आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी का साथ !
पूर्वोत्तर रेलवे प्रबंधन इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेन्द्र सिंह का कहना है कि हल्द्वानी रेलवे भूमि (Haldwani Railway Land) खाली लिए रेलवे फोर्स भी हल्द्वानी जानी प्रारंभ हो गया है। उन्होने बताया कि रेलवे की 78 एकड भूमि के दायरे में 4365 आवासों को गिराने के लिए चिंहित किया गया है। उन्होने बताया कि हल्द्वानी आरपीएफ की 10 कंपनी भेजी जाएंगी। इन्हें वहां ठहराने के लिए रेलवे के कोचों में प्रबंध किया गया है।
उधर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उत्तराखंड हाईकोर्ट के हल्द्वानी रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के आदेश को चुनौती दी गयी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी को सुनवाई होगी। अब सबकी निगाह पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर लगी है। रेलवे व प्रशासन अधिकारियों ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये किसी भी आदेश या निर्देश का पालन करेंगे।