Karnataka Election: कर्नाटक में लिंगायत समाज को साधने के लिए जगदीश शेत्तार के साथ बसवा जयंती में शामिल होंगे राहुल गांधी!
Latest News Karnataka Election: सब कुछ बड़े ही करीने से कांग्रेस करती दिख रही है। कर्नाटक में दस मई को चुनाव है और कांग्रेसनकी नजर लिंगायत वोट पर टिकी हुई है। जब से बीजेपी छोड़कर लिंगायत समाज के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ही पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावडी कांग्रेस में आए हैं तब से कांग्रेस की उम्मीदें कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। अब जगदीश शेत्तार भी चाह रहे हैं कि इनका लिंगायत वोट कांग्रेस को मिले ताकि कांग्रेस की जीत हो और बीजेपी को सबक सिखाया जा सके। कांग्रेस को इस रणनीति का कितना लाभ होगा यह तो चुनाव के बाद होनपता चलेगा लेकिन बीजेपी को परेशानी तो बढ़ हो गई है। अब जगदीश शेत्तार के साथ राहुल गांधी ने बागलकोट जिले के कुदाला संगमा में बसवा जयंती समारोह में जाने को हामी भर दी है। बता दें कि बसवा जयंती 23 अप्रैल को राज्य भर में मनाया जाता है। पूरे कर्नाटक के लिए यह एक बड़ा त्योहार है जिसमे हर समुदाय के लोग शामिल होते हैं। कांग्रेस इसका लाभ उठाने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि गुरु बसवन्ना 12 वीं सदी के सबसे बड़े समाज सुधारक थे ।उन्होंने कर्नाटक में कई तरह के समाज सुधार आंदोलन शुरू किए थे। कर्नाटक के समाज पर बसवान्ना का बड़ा असर पड़ा था ।बाद में उन्होंने लिंगायत धर्म की स्थापना भी की। गुरु बसवाना को समाधि इसी कुदाल संगम में स्थित है ।कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसी समारोह में हिस्सा लेने कुदाल संगम जा रहे हैं। उनके साथ लिंगायत समाज से जुड़े नेता तो जा जी रहे हैं कांग्रेस की पूरी टीम भी इस समारोह में शामिल हो रही है ।कांग्रेस की नजर सिर्फ लिंगायत वोट पर है। उसे लगता हैं कि लिंगायत का कुछ हिस्सा भी उसके साथ आ गया तो सूबे की राजनीति बदल सकती है। बीजेपी को भारी मात मिल सकती है ।
सूत्रों से को जानकारी मिल रही है इस कार्यक्रम का आयोजन हालाकि कांग्रेस ने नही किया है बल्कि कई सामाजिक संगठन मिलकर इस आयोजन को अंजाम दे रहे है। इन्ही सामाजिक संगठनों ने हो राहुल को आमंत्रित किया है। कर्नाटक कांग्रेस के प्रचार अभियान के अध्यक्ष एम बी पाटिल ने कहा है कि समारोह में राहुल गांधी शिरकत करेंगे। इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गई है। अगर समारोह में लिंगायत के गुरुओं ने राहुल को आशीर्वाद दे दिया तो सब कुछ सफल होगा। कांग्रेस सत्ता में अस्येगी और सूबे का विकास होगा।