नैनीताल। उत्तराखंड की नैनीताल हाईकोर्ट ने 18 साल के कम उम्र की लड़कियों की शादी की अनुमति देने के संबंध में मुस्लिम पर्सनल लॉ से जवाब मांगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ राज्य सरकार व केन्द्र सरकार से भी इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इन सबको जवाब देने के लिए 16 नवंबर तक का समय दिया गया है।
यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि देश के कुछ न्यायालय 18 साल के कम उम्र के लड़कियों का शादी का मान्यता देकर उन्हें पुलिस सुरक्षा के आदेश दे देते हैं।
यह भी पढेंः यूपी मुख्य सचिव ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में दिये कई कड़े निर्देश
ऐसे मामलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला देकर न्यायालय में 18 साल के कम उम्र की लड़कियों का शादी जायज ठहराया जाता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में लड़की की उम्र 18 साल के कम होने पर भी शादी करने की इजाजत है।
नैनीताल हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की पीठ में सुनवाई हुई। याची ने अदालत से 18 साल के कम उम्र में शादी होने को गैर कानूनी घोषित करने व शादी होने के बावजूद शारारिक संबंध बनाये जाने पर पॉस्को ( POSCO) के तहत कार्रवाई की जाने की मांग की थी।