उद्धव ठाकरे का BJP पर ‘प्रहार’, कहा शिवसेना ने हिंदुओं को बचाया!
Uddhav Thackeray satatement against BJP: 2024 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का वक्त बचा हुआ है, एक तऱफ भारतीय जनता पार्टी है जो कि विकास और हिंदुत्व के दम पर जीत की हैट्रिक लगाने की फिराक में है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता भी लगातार एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। राम मंदिर का मुद्दा सालों पुराना है, राम के नाम पर हिंदुस्तान में आए दिन सियासत होती है। नेता अक्सर बयान देते हैं।
एक समय में भारतीय जनता पार्टी के साथ के साथ शिवसेना की अच्छी खासी बनती थी, लेकिन वक्त के साथ साथ ये दोनों ही पार्टियां एक दूसरी की दुश्मन बन गईं। हिंदुत्व की बुनियाद पर बीजेपी के खिलाफ 2024 का एजेंडा.। उद्धव ठाकरे ने कुछ इस अंदाज में सेट करने की तैयारी कर ली है।शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ठान लिया है कि बीजेपी से मुकाबला उसके हिंदुत्व वाली पिच पर ही किया जाए।
महाराष्ट्र के ठाणे में उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा दावा किया है।उन्होंने कहा कि शिवसेना हिंदुओं को बचानेवाली पार्टी है। उद्धव ने कहा कि मुंबई दंगों के दौरान शिवसेना ने ही हिंदुओं को बचाया था।वरना पहले लोग खुद को हिंदू तक कहने से डरते थे। दरअसल उद्धव बीजेपी के राम मंदिर वाले मुद्दे की काट खोज रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने बीजेपी को मुफ्त में राम मंदिर के दर्शन कराने के वादे की याद दिलाई। लेकिन इसे विभाजनकारी बताते हुए उद्धव ने पूछा। क्या रामलला बीजेपी की प्रॉपर्टी हैं।
उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर धुआंधार प्रहार किए, दरअसल आपको बता दें कि विपक्षी गठबंधन यानी की इंडिया केवल शिवसेना ही ऐसी पार्टी है जो कि हिंदुत्व वाली सियासत करती है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे अपने पिता बाला साहेब ठाकरे के हाथों बनायी इस विरासत पर बीजेपी का कब्जा होने देना नहीं चाहते हैं।उन्होंने भगवान कृष्ण का नाम लेते हुए बीजेपी पर हिंदुत्व वाली तानाशाही करने का आरोप मढ़ा है।
दरअसल आपको बता दें कि शिवसेना दो फाड़ों में बंट चुकी है। दो फाड़ होने के बाद 2024 में उद्धव गुट का पहला संसदीय लिटमस टेस्ट होने वाला है।उद्धव विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के किसी भी दूसरे दल से अलग अपने कोर वोटर्स से दूर जाने का खतरा मोल नहीं ले सकते हैं।पार्टी में टूट के बाद उनकी ताकत काफी घट चुकी है।इस वक्त 48 लोकसभा सीट में से उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के पास 6 सीट हैं।हैरानी की बात नहीं है कि उद्धव उस वोट बैंक को भी लुभाने की कोशिश में हैं।जिसे बीजेपी का पुख्ता वोट कैडर माना जाता है।यानि महाराष्ट्र में रहने वाले उत्तर भारतीय। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्ष के कई बड़े नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे,सीताराम येचुरी को निमंत्रण मिला है।लेकिन उद्धव ठाकरे को निमंत्रण नहीं मिला है।