Uttarakhandi Jewellery: आपको भी शादी या पार्टी में दिखना है खास, तो पहनें ये ज्वैलरी, लोगों की नहीं हटेगी नज़र
अलग दिखने की चाहत हर किसी में होती है, अगर मौका किसी शादी, पार्टी या फैमिली फंक्शन का हो तो उत्तराखंड की मशहूर ज्वैलरी (Uttarakhandi Jewellery) पहनकर आप सबसे अलग लग सकती हैं। जी हां यहां हम आपको बताने जा रहे मशहूर उत्तराखंडी ज्वैलरी के बारे में। एक बार फिर पारंपरिक गहने न केवल लोगों की पसंद बन रहे हैं, बल्कि शादी-पार्टियों की शान भी बढ़ा रहे हैं। बस इनका रूप-रंग अब पहले जैसा नहीं रहा। अब लोग हल्के व डिजाइनर गहने पहनना पसंद करते हैं।
नई दिल्ली: अलग दिखने की चाहत हर किसी में होती है, अगर मौका किसी शादी, पार्टी या फैमिली फंक्शन का हो तो उत्तराखंड की मशहूर ज्वैलरी (Uttarakhandi Jewellery) पहनकर आप सबसे अलग लग सकती हैं। जी हां यहां हम आपको बताने जा रहे मशहूर उत्तराखंडी ज्वैलरी के बारे में। एक बार फिर पारंपरिक गहने न केवल लोगों की पसंद बन रहे हैं, बल्कि शादी-पार्टियों की शान भी बढ़ा रहे हैं। बस इनका रूप-रंग अब पहले जैसा नहीं रहा। अब लोग हल्के व डिजाइनर गहने पहनना पसंद करते हैं।
हाल ही मशहूर अभिनेत्री और टीवी आर्टिस्ट (Uttarakhandi Jewellery) नीना गुप्ता ने वेब सीरिज मसाबा मसाबा में उत्तराखंड की ट्रेडिशनल ज्वैलरी पहनकर खूब सुर्खियां बटोरी है। आलम ये है कि नीना गुप्ता के इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फोटो देखने के बाद अब इसे काफी सर्च किया जा रहा है।चलिए जानते हैं कुछ प्रसिद्ध कुमाऊंनी व गढ़वाली पारंपरिक आभूषणों के बारे में।
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गुलबंद
ये उत्तराखंड ट्रेडिशनल ज्वैलरी है।दरअसल गुलबंद (Uttarakhandi Jewellery) गले में पहने जाने वाली पटटीनुमा माला सुहाग की निशानी माना जाता है। मखमली और मुलायम कपड़े में पट्टेनुमा एक से लेकर 3 तोले तक के सोने का चौकोर डिजायन में लगाया जाता है।हालांकि उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। पहाड़ में मायके से मिलने वाली यह सौगात अपने आप में एक अनमोल धरोहर जैसी मानी जाती है। आजकल बाजार में बिना पट्टी के हल्के वजन वाले डिजाइनर गुलोबंद चलन में हैं।
पौंजी
पौजी हाथ की दोनों कलाइयों पर पहना (Uttarakhandi Jewellery) जाता है। कंगन और गोल पट्टीनुमा आकार में इसे तैयार किया जाता है।इसमें 3 से लेकर 5 लड़ियां होती हैं। कुमाऊं में विवाहित महिलाओं की कलाई पर सजने वाली सोने की पौंची का आकर्षण अब भी कायम है।
कमर की ज्यौड़ि-तगड़ी
यह एकमात्र आभूषण है जो कमर पर पहना जाता है इसलिए सामान्य रूप से इसको कमरबंद के नाम से भी जाना जाता है। मानक रूप से इसका भार 30 तोले से लेकर एक किलोग्राम तक हो सकता है।यह कमर को घेरे हुए पहना जाता है।इस पर गोलाकार तथा चौकोर कई टिक्के लगे होते हैं। इस पर कई लड़ियां भी लगी होती हैं। इसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है।